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प्रेंगनेन्सी में फिजियोथैरेपी के महत्व

गाजियाबाद : आई.टी.एस. फिजियोथेरेपी विभाग द्वारा 26 जून 2020 को एक वेबिनार का आयोजन किया गया। उसमें प्रख्यात वक्ता डा0 निधि शर्मा द्वारा आनलाईन वेबिनार प्रस्तुत fd;k गया। डा0 निधि न्यूयार्क में फन्कषलन फिजिकल थैरेपी में भौतिक चिकित्सक के रूप में कार्यरत है।


वेबिनार का विषय ’’प्रेगनेंन्सी और पोस्ट पार्टम रीहैबिलेटेषन था’’ वेबिनार में आई.टी.एस. फिजियोथेरेपी विभाग से भी सभी अध्यापकों एवं विद्यार्थियों तथा अन्य विष्वविद्यालयों के छात्रांेे ने आनलाईन भाग लिया।


डा0 निधि ने सभी को गर्भवस्था एवं प्रसव के पष्चात महिलाओं को कौन सी समस्याओं का सामना करना पडता है, इसके बारें में जानकारी दी तथा उसके ऊपर विचार विमर्ष किया।


डा0 निधि नें सबको बताया कि गर्भावस्था से जुडी बहुत सी मिथ्या है विशेष रूप से भौतिक चिकित्सा को लेकर। आज भी बहुत सारे लोग इस बात से अनभिज्ञ है कि गर्भावस्था से लेकर प्रसव तक और प्रसव के पष्चात भी भौतिक चिकित्सा का महत्वपूर्ण योगदान हैं। उन्होंने सबको बताया कि एक महिला के शरीर में संरचनात्मक रूप से बहुत प्रकार के बदलाव आतें हैं जिससे कि वह भ्रूण को गर्भाषय में आराम सें स्थान दे सकें। इसके अतिरिक्त पेट की एवं पेलविक फलोर की मांसपेषियाॅ षिथिल हो जाती हे। उन्होनें इस बात पर जोर दिया कि यदि एक स्त्री गर्भावस्था में उपयुक्त व्यायाम नहीं करती है तो उन्हें बाद में बहुत समस्याओं का सामना करना पडता है।


डा0 निधि ने इस बात पर भी जोर डालते हुए बताया कि यदि कोई ’’रेड फलैग साईन’’ नही है तो व्यायाम किया जा सकता है बस इतना ध्यान रखना चाहिए कि व्यायाम माईलड टू मोडरेट ही बढे। प्रसव के बाद चाहे वो नाॅर्मल डिलिवरी हो या सिजेरियन माॅसपेष्यिों को मजबूती एवं लचीलेपन के लिए भौतिक चिकित्सा अनिवार्य है। वेबिनार के अन्त में डा0 निधि ने सभी विद्यार्थियों के द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों के जवाब दिये।


कोविड 19 के कारण छात्रों के षिक्षण कार्य का नुकसान न हो इसलिये आई0टी0एस दी एजूकेषन ग्रुप के चेयरमेन डा0 आर0पी0 चढडा एवं वाईस चेयरमेन श्री अर्पित चढडा जी ने छात्रों के लिये इस सफल आनलाईन वेबिनार का आयोजन किया जिसके लिए प्रतिभागियों ने उनका धन्यवाद किया।


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