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अब के सावन में

जब आए प्रियतमा,
अब के सावन में,
रिमझिम बूँदों मोती बन, 
आ जाना मेरे आंगन में,
शीतल पवन संदेशा ले जाना,
याद तुम्हारी तड़फाती,
आने को कहकर आना,
आसमाँ से इंद्रधनुष तुम,
सातो रंग बिखरा जाना, 
बलखाती घटायें जाना,
आती होगी जहां से वो,
बिजली चमक राह दिखाना,
रंग बिरंगे फूलो सी चुनरी, 
ऋतु तुम उनको ओढ़ाकर
दुल्हन सी उन्हें सजाना,
हरियाली सावन की तुम,
हरा हरा उनको रंग जाना,
जम के बरसों बदरा तब,
कोयल कू कू गान सुनाना।
पपीहा आकर तुम भी,
पीह पीह राग सुनाना, 
स्वागत करने को उनका, 
मोर तुम नाच दिखाना।
जब आए प्रिय मेरी,
अबके सावन में,
रिमझिम बूँदों मोती बन, 
आ जाना मेरे आंगन में।।।
लेखक:- नरेंद्र राठी

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