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गाजियाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव ने, सचिव मनमोहन शर्मा को अपने आत्मदाह वाले शब्द को, वापस लेने के लिए, जोर दिया, अधिवक्ताओं ने समर्थन किया

 गाजियाबाद : हाई कोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश ने मिशनरी मेरठ में एक बैठक का आयोजन किया जिसमें 22 जिलो के अधिवक्ता ने पहुंचकर इस आंदोलन की धार तेज करने के लिए अपने विचार रखे वही गाजियाबाद बार एसोसिएशन के सचिव मनमोहन शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हाई कोर्ट बेंच स्थापना केंद्र संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस आंदोलन को चलते हुए 40 वर्ष हो चुके हैं लेकिन सरकार ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया और इतने बड़े आंदोलन के दौरान कई सरकारें प्रदेश में बदल गई किसी भी सरकार की कान पर जूं तक नहीं रेंगी 


इस हाई कोर्ट बेंच की खंडपीठ की स्थापना होने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लाखों फरियादियों को राहत की सांस मिलेगी इस आंदोलन को धार देते हुए संघर्ष समिति ने प्रत्येक शनिवार की हड़ताल का ऐलान पहले से ही कर रखा था वह इसमें संशोधन करते हुए प्रतिमाह के पहले और तीसरे बुधवार को भी हड़ताल तहसील  और जिला सत्र न्यायालय में हड़ताल रहेगी वही जिला गाजियाबाद बार एसोसिएशन के सचिव मनमोहन शर्मा ने सरकार को चेतावनी हुए कहा यदि सरकार ने जल्द से जल्द हाई कोर्ट बेंच खंडपीठ की स्थापना नहीं की तो मैं आत्मदाह कर लूंगा इस स्टेटमेंट से सभी अधिवक्ता सकते में आ गए और उन्हें समझाने का प्रयास किया कि आप अपने इन शब्दों को वापस ने आंदोलन तो आंदोलन की तरह चलेगा


लेकिन सचिव मनमोहन शर्मा ने इस बात का किसी को उत्तर नहीं दिया वही गाजियाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व जिला अध्यक्ष नाहर सिंह यादव ने जब इस समाचार को समाचार पत्र के माध्यम से पढ़ा तो उन्होंने उन्हें फोन कर कर अपने चेंबर पर बुलाया जहां दर्जनों अधिवक्ता वहां पर मौजूद थे पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव ने कहा मनमोहन शर्मा यह आंदोलन 40 वर्षों से चला आ रहा है आंदोलन तो आंदोलन की तरह चलता है और इस आंदोलन को धार देने के लिए कई और तरीके हैं आप आत्मदाह के मामले में पुनः विचार कर अपने शब्दों को वापस ले और आंदोलन दिल से नहीं दिमाग से चलाए जाते हैं और हम आपको यह हिदायत देते हैं कि आप आत्मदाह करने वाले अपने शब्दों को वापस लेगे और आंदोलन में अपनी भागेदारी जारी रखेंगे वही सचिव मनमोहन शर्मा ने अपने आत्मदाह के मामले पर विचार करने के लिए सहमति दी और इस दोरान  मौजूद रहे अधिवक्ता गणों ने उनका समर्थन किया जिसमें प्रदीप गौतम, ज्ञानेंद्र सैनी, विनोद कुमार शुक्ला, किरण शर्मा, इमरान, प्रमोद ए आर निमेष, अमित शर्मा, सचिन कुमार, विष्णु गोयल, मोनिका राघव, प्रेमपाल आदि अधिवक्ता गण मौजूद रहे

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