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सत्यमेव जयते का नारा देने वाले पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने कभी भी नहीं सोचा था कि 21 वीं सदी में राजनीति की दिशा बदल, झूठे, लंपट पाखंडी ताक़तों के हाथ में चली जाएगी : वीरेंद्र यादव एडवोकेट

साहिबाबाद : 12 नवम्बर 2020 की पूर्व संध्या पर समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव वीरेन्द्र यादव एडवोकेट के नेतृत्व में महामना पण्डित मदन मोहन मालवीय की पुण्यतिथि कार्यक्रम का आयोजन शहीदे आज़म भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव पार्क जी0टी0 रोड स्वरुप पार्क साहिबाबाद के प्रांगण में किया, कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला सभा उपाध्यक्ष समाजवादी पार्टी संजू शर्मा ने किया,


कार्यक्रम का आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने, संचालन शिक्षाविद मुकेश शर्मा ने किया, समाजवादी पार्टी के वरिष्ट नेता राम दुलार यादव भी कार्यक्रम में मुख्य रूप से शामिल रहे, पत्रकार बन्धुओं को इस अवसर पर गर्म कम्बल, मिष्टान और माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया| कार्यक्रम में महामना मदन मोहन मालवीय के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण किया गया| सी0 पी0 सिंह ने भी पत्रकारों के सम्मान में तुच्छ भेंट दी|


  कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने कहा कि पण्डित मदन मोहन मालवीय शिक्षाविद, प्रख्यात वकील, स्वतंत्रता सेनानी, विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे, वे एक कुशल वक्ता के साथ-साथ ‘हिंदुस्तान’ साप्ताहिक के सम्पादक भी रहे, वे एक सफल वकील, शिक्षाशास्त्री तथा कुशल राजनीतिज्ञ थे, वकील के रूप अपने तर्कों से अदालत को प्रभावित कर देने की उनमे अद्भुत कला थी|


असहयोग आन्दोलन में चौरी-चौरा कांड में 177 स्वतंत्रता सेनानियों को सजा हो गयी थी उन पर अदालत में मुक़दमा चला, मालवीय जी ने मुकदमे की पैरवी की तथा 156 स्वतंत्रता सेनानियों को रिहा करवा दिया| पण्डित मदन मोहन मालवीय जातिवंधन के विरोधी थे तथा उसे समाप्त करने के लिए जबरदस्त संघर्ष किया, वे समाज में भाईचारा, सद्भाव, प्रेम, सहयोग चाहते थे उन्होंने नारा दिया था “सत्यमेव जयते” उनका मानना था सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता, वह दग्ध हो सकता, परेशान हो सकता है, लेकिन आज हर क्षेत्र में झूठ का बोलबाला है| एन केन प्रकारेण सत्ता पर कब्ज़ा की होड़ लगी है हम मालवीय जी जैसे विद्वानों के सपनों का भारत बनाने में उदासीन हो निजी लाभ के लिए काम कर रहे है, आम जन का राजनीति कोई कल्याण नहीं कर पा रही है, शिक्षा के क्षेत्र में हम बहुत ही पीछे है, इसीलिए हम 21वीं सदी में जाति, धर्म की दीवार को तोड़ नहीं पा रहे है, हमें आज संकल्प लेना चाहिए की हम मालवीय जी के बताये रास्ते पर चलकर देश, समाज में बंधुता पैदा करेंगे तथा सबकी भलाई के लिए कार्य करेंगें| लोगों में शिक्षा का प्रचार और प्रसार करेंगें| यही महामना मदन मोहन मालवीय जी के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी|


  पण्डित विनोद त्रिपाठी, सी0 पी0 सिंह, सचिन त्यागी, विजय भाटी, एम0 आर0 खान, मनोज प्रजापति, हरीश कुमार, अभिषेक पण्डित, ठा0 पंकज सिंह, पंकज राय, देवेन्दर तोमर, संदीप चौधरी, रवि चौहान, ताहिर अली, मंगल सिंह चौहान, दयाल शर्मा को सम्मानित किया गया|


ओम प्रकाश अरोड़ा, संचित, गंगाशरण मिश्र, हरीश ठाकुर, प्रियंका सिंह, प्रियदर्शिनी सिंह, राज पाल सिंह यादव, बिन्दू राय, रेनूपुरी, अंशु ठाकुर, गुड्डू यादव, सुरेन्दर यादव, इंजी0 धीरेन्द्र यादव, फूलचंद पटेल, मोहम्मद सलाम, हरिशंकर यादव, पप्पू सिंह, सुभाष यादव, संतोष सिंह, हरिकृष्ण शामिल रहे|


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