Ghaziabad :- पिछले दिनों हुऐ भारत पाक का संघर्ष कई मायने में विशेष रहा, जिस प्रकार का शौर्य भारतीय सेना ने दिखाया वो अभूतपूर्व था, सारी दुनिया भारत की तकनीक व सटीक हमले देखकर दंग रह गयी, जिस प्रकार भारत ने पाकिस्तान के सभी एयर फोर्स स्टेशनों को निशाना बनाया और साथ ही साथ भारत की अचूक रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के अधिकतर हमले नाकाम कर दिये, जहां भारत ने पाकिस्तान के हर महत्वपूर्ण स्थल पर हमले किये वहीं पाकिस्तान के ड्रोन बॉर्डर से आगे नहीं बढ़ सके, हालांकि अचानक हुए सीज फायर के कारण अभी ज्ञात नहीं है, जबकि ये स्पष्ट है कि भारत का पड़ला पूरी तरह से भारी था, इस संघर्ष को रिपोर्ट कर रहा भारतीय मीडिया खासकर टीवी चैनलों की रिपोर्टिंग का स्तर बहुत निमन रहा, पाकिस्तान ही नहीं पूरी दुनिया हमारे चैनलों की रिपोर्टिंग का आज तक मजाक बना रही है.
उदाहरण के तौर पर भारतीय चैनल दिखा रहे थे कि भारतीय सेना लाहौर तक पहुंच गयी है और कह रहा था कि पी.ओ.के में कब्जा कर लिया, एक चैनल बता रहा था कि कराची नष्ट हो चुका है, एक चैनल ने तो यहां तक कह दिया कि पाकिस्तान सेवा प्रमुख मुनीर को बंदी बना लिया, कोई कह रहा था कि पाकिस्तान में तख्ता पलट हो गया, इन रिपोर्ट्स को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भारतीय चैनल सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक व झूठी खबरों के आधार पर रिपोर्ट कर रहा था, ये भारत जैसे लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए शर्मनाक है, जहां एक ओर भारतीय सेना विश्व की बेहतरीन तकनीक का इस्तेमाल कर, दुनिया को अचंभित कर रही थी वहीं भारतीय मीडिया इस तरह की गैर प्रमाणिक न्यूज़ चलकर भारत की साख गिर रहे थे, पहलगाम हमले के बाद से ही अधिकांश भारतीय चैनल इसे धार्मिक एजेंडा की तरह चल रहे थे, भारतीय चैनल यदि इस प्रकार की रिपोर्टिंग करते रहे तो बहुत जल्द ही लोगों का थोड़ा बहुत विश्वास जो अभी बचा है वह भी समाप्त हो जाएगा
जिस प्रकार संघर्ष विराम हुआ उसे लेकर भारत व अन्य दुनिया के विशेषज्ञ भी आश्चर्य में है, क्योंकि जब ट्रंप द्वारा इसकी घोषणा की गई तब तक भारत की फौज हर तरह से पाकिस्तान पर हावी थी, इसको लेकर सवाल उठाते रहेंगे साथ ही इस संघर्ष से भारतीय विदेश नीति पर भी सवाल उठ रहे हैं कि चीन व तुर्की ने जिस प्रकार पाकिस्तान का साथ दिया, भारत के साथ एक भी देश इस प्रकार खड़ा नहीं हुआ जो कि भारत की साख को धक्का लगने वाली बात है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी वर्षों से ये जाता रहे हैं कि भारत के संबंध विदेश में पहले से मजबूत हुए परंतु इस बार ऐसा कहीं नहीं दिखा और तो और जिस ट्रंप को मोदी जी अपना मित्र बताते हैं उसने भारत को पाकिस्तान के समतुल्य रखा और दोनों देशों को महान बताया।
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