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मन के भावों से उत्पन्न होता है संगीत - रजनी गर्ग

"गीतों की बहार" ऑनलाइन सम्पन्न, तनाव कम करने में सहायक है संगीत -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

गाजियाबाद,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में तनाव व अकेलापन दूर करने के लिए "गीतों की बहार" कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन किया गया।यह कोरोना काल से 552 वां वेबिनार था।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि तनाव कम करने में संगीत सहायक है व अनेक बीमारियों का इलाज अब केवल दवाइयों से ही नहीं,बल्कि वैकल्पिक विधियों से भी किया जाने लगा है।संगीत द्वारा भी बहुत सी बीमारियों का निदान होता है।बहुत से शोधों के उपरांत चिकित्सा विज्ञान भी यह मानने लगा हैं कि प्रतिदिन 20 मिनट अपनी पसंद का संगीत सुनने से स्मरण शक्ति विकसित होती है और अनेक रोगों का ध्वनि तरंगों से उपचार भी सम्भव है।उच्च रक्तचाप में धीमी गति और निम्न रक्तचाप में तीव्र गति का गीत-संगीत लाभ देता है।वीणा वादन सुनना अति लाभदायक होता है। 

मुख्य अतिथि आर्य नेत्री रजनी गर्ग ने कहा कि परिषद ने किसी भी परिस्थिति में हार नही मानी है और सदैव अपने लक्ष्यों को समय पर पूर्ण किया है।जहाँ नही होता कभी विश्राम आर्य युवक परिषद है उसका नाम के उदघोष को भी सार्थक किया है।

आर्य नेता नरेन्द्र आर्य सुमन ने कहा कि संगीत मन के भावों से उत्पन्न होता है।बिना शब्दों वाला धीमी गति का मधुर संगीत सुनना मन को शांति देता है।तनाव कम होता है और बढ़ी हुई हृदय गति में सुधार आता है।श्वास प्रक्रिया सामान्य होती है।बेचैनी में तुरंत आराम मिलता है।संगीत चाहें सुनें,गाएं या बजाएं,सभी रूपों में इसका अच्छा प्रभाव देखने को मिलता है।

प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि नियमित संगीत सुनना शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर लाभ देता है।अच्छी नींद भी आती है।डर,कुंठा व क्रोध कम होता है व मन प्रसन्न रहता है।
आशु कवि डॉ. रीता जयहिन्द ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

गायक रजनी चुग, पिंकी आर्या, नरेश खन्ना, सुदेश आर्या, अशोक गुगलानी, नताशा कुमार, रवींद्र गुप्ता, कमलेश चांदना,कमला हंस, कुसुम भण्डारी, रचना वर्मा, सुनीता अरोड़ा, जनक अरोड़ा, विजय खुल्लर, डॉ. सुदेश चुघ आदि ने ओजस्वी गीतों से समा बांध दिया।


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