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खुलेआम हो रही है स्टाम्प पेपरों की कालाबाजारी, उच्च अधिकारियों द्वारा नहीं लिया जा रहा संज्ञान

अंबेडकर नगर: कोरोना संक्रमण काल में ठप पड़ी रजिस्ट्री का कामकाज अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद पटरी पर आने के साथ ही स्टांप की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। दोगुने दाम पर स्टांप की बिक्री हो रही है। इससे स्टांप खरीदने वालों की जेब ढीली हो रही है। रजिस्ट्री ऑफिस परिसर में स्टांप वेंडर जमकर खेल कर रहे हैं।

अनलॉक से राजस्व के लिए रजिस्ट्री दफ्तर खुल गए, लेकिन शुरुआत में जमीन की खरीद-फरोख्त कम हुई। जैसे-जैसे स्थिति बेहतर हुई रजिस्ट्री भी तेज हो गई। जमीन की खरीद तेज होने पर स्टांप की कालाबाजारी भी शुरू हो गई। 

छोटे स्टांप ₹10 ₹20,50 और ₹100 के स्टांप पर अधिक दाम वसूला जा रहा है। उप निबंधक कार्यालय पुरानी तहसील अकबरपुर में बैठने वाले कुछ वेंडर के पास स्टाम्प पेपर है, लेकिन वो अधिक दाम मिलने पर ही इसे बेच रहे हैं। पूछने पर बताते हैं कि उनके पास 500 और 1000 रुपए वाले स्टाम्प पेपर ही अवेलेवल हैं। जबकि अधिक पैसा देने पर हर वेंडर के पास 10,20 और 50 रुपए का भी स्टाम्प पेपर मिल रहा है। सभी वेंडर्स एक-दूसरे से मिल कर स्टांप पेपर की कालाबाजारी कर रहे हैं। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

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