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क्या वाकई आप आइसक्रीम खा रहे हैं, या ये सिर्फ उसका भ्रम है?

Ghaziabad :- वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना ने दी अहम जानकारी, कहा—सावधानी ज़रूरी हर ठंडी और मीठी चीज़ को आइसक्रीम नहीं कहा जा सकता।--

अधिकतर मामलों में यह 'फ्रोज़न डेज़र्ट' या 'फ्रोज़न फूड' होते हैं, जिनमें प्राकृतिक डेयरी वसा (दुग्ध से प्राप्त वसा) की जगह कृत्रिम वनस्पति वसा का इस्तेमाल किया जाता है।--वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना

यदि उसमें 'डायरी फैट (दुग्ध से प्राप्त वसा)' की जगह 'वेजीटेबल ऑयल' या 'वनस्पति घी' लिखा हो, तो समझ जाइए कि यह असली आइसक्रीम नहीं, बल्कि फ्रोज़न डेज़र्ट है।--वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना

आगरा, संजय सागर सिंह। गर्मियों की तपन में ठंडक का स्वाद देने वाली आइसक्रीम क्या वाकई आइसक्रीम होती है? इस सवाल ने लोगों को चौंका दिया है। वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना ने उपभोक्ताओं को आगाह करते हुए कहा कि बाज़ार में बिकने वाले कई उत्पाद, जिन्हें आमतौर पर लोग आइसक्रीम समझकर खा जाते हैं, असल में 'आइसक्रीम' नहीं होते।

राजेश खुराना ने बताया कि FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) की गाइडलाइन्स के अनुसार, हर ठंडी और मीठी चीज़ को आइसक्रीम नहीं कहा जा सकता। अधिकतर मामलों में यह 'फ्रोज़न डेज़र्ट' या 'फ्रोज़न फूड' होते हैं, जिनमें प्राकृतिक डेयरी वसा (दुग्ध से प्राप्त वसा)की जगह कृत्रिम वनस्पति वसा का इस्तेमाल किया जाता है।

कैसे करें असली और नकली की पहचान?
श्री खुराना ने सरल उपाय बताया कि आइसक्रीम खरीदते समय उसका लेबल ध्यान से पढ़ें। यदि उसमें 'डायरी फैट (दुग्ध से प्राप्त वसा)' की जगह 'वेजीटेबल ऑयल' या 'वनस्पति घी' लिखा हो, तो समझ जाइए कि यह असली आइसक्रीम नहीं, बल्कि फ्रोज़न डेज़र्ट है। उन्होंने आगे कहा कि इस मामूली सी जानकारी से न केवल उपभोक्ताओं को बेहतर स्वाद का अनुभव मिलेगा, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से भी बचा जा सकेगा।

श्री खुराना की अपील: "सिर्फ स्वाद के पीछे न भागें, समझदारी से चुनाव करें। असली और नकली के फर्क को जानना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि यह फर्क आपके स्वाद और स्वास्थ्य दोनों पर असर डाल सकता है। तो अगली बार जब भी आप ठंडे मीठे स्वाद का आनंद लें, यह ज़रूर जांच लें कि वह सच में आइसक्रीम है या उसका सिर्फ भ्रम!"

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