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महेंद्र भाटी हत्याकांड के बाद डीपी यादव अब बहुचर्चित केस में भी बरी, कोर्ट ने कहा- पर्याप्त साक्ष्य नहीं

Ghaziabad : पूर्व मंत्री डीपी यादव को गाजियाबाद के नीतीश कटारा हत्याकांड में मुख्य गवाह को जहर देकर मारने का प्रयास के मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है। डीपी यादव समेत 3 लोगों को बरी किया गया है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक समेत 4 लोगों को पहले ही बरी किया जा चुका है।

क्या है पूरा मामला: बीते 18 जुलाई 2007 को साहिबाबाद कोतवाली में अजय कटारा ने एक मुकदमा पंजीकृत कराया था। मुकदमे के मुताबिक उनका और उनकी पत्नी तनु चौधरी का विवाद चल रहा था। इसी बीच 11 जुलाई 2007 की शाम इस मामले में समझौता कराने के नाम पर उनके घर पर अनुज शर्मा और मनोज शर्मा नामक व्यक्ति आए थे। समझौता कराने के लिए अजय कटारा को दोनों लोग मोहन नगर स्थित मंदिर पर ले गए। वहां पहले से नंदकिशोर गुर्जर (भाजपा विधायक), यतेंद्र नागर और सलीम खान मौजूद थे। उन्होंने अजय कटारा को आलू की टिक्की खिलाई थी। खाने में कड़वाहट लगने पर अजय कटारा ने वो टिक्की फेंक दी। इसके बाद अजय कटारा को कोल्ड ड्रिंक पिलाने का प्रयास किया गया। अजय कटारा ने बताया था कि टिक्की में जहर मिला हुआ था। तबीयत बिगड़ने पर उनको सभी लोग छोड़कर भाग गए। पन्नालाल हॉस्पिटल में कई दिन तक अजय कटारा का इलाज चला और उनकी जान बच गई।

16 साल बाद आया फैसला: इस मामले में अजय ने पूर्व मंत्री डीपी यादव, भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर, अपनी पत्नी तनु चौधरी यतेंद्र नागर, सलीम खान, मनोज शर्मा और अनुज शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। गाजियाबाद की साहिबाबाद पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और 18 मार्च 2010 को चार्जशीट दाखिल की गई थी। पूरे मामले में कुल 7 गवाह को कोर्ट के सामने पेश किया गया। इस मामले में अब एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए डीपी यादव, मनोज चौधरी सलीम खान को बरी कर दिया है। इससे पहले नंदकिशोर गुर्जर, यतेंद्र नागर, अनुज शर्मा और मनोज शर्मा भी बरी किया जा चुका है। इस मामले में सभी 7 आरोपी बरी हो चुके हैं। आपको बता दें कि इससे पहले डीपी यादव बीते 10 नवंबर 2021 को महेंद्र प्रधान भाटी मर्डर केस में बरी हुए थे।

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