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देश को अपनी शहादत से झकझोर देने वाले बसौद गांव के क्रांतिकारियों के 166 वें शहादत दिवस पर वीर शहीदों को दी गयी श्रद्धांजलि

बागपत के बसौद गांव में लगा राजनैतिक हस्तियों का जमावड़ा, बसौद की धन्य भूमि पर कदम रखकर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूॅं - राजेन्द्र अग्रवाल, भाजपा सांसद मेरठ 

बागपत, उत्तर प्रदेश। देश को गौरवान्वित करने वाले जनपद बागपत के बसौद गांव में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गांव का शहादत दिवस बड़े स्तर पर आयोजित किया गया। 166 वें शहादत दिवस पर मेरठ लोकसभा सीट के सांसद व बीजेपी के शीर्ष नेताओं में शुमार राजेन्द्र अग्रवाल, राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव और उप्र सरकार के पूर्व राज्य मंत्री डा कुलदीप उज्जवल, राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष व साम्प्रदायिक सौहार्द की अनुपम मिसाल नवाब अहमद हमीद, बागपत जिला पंचायत के सदस्य संजय धामा उर्फ संजय डीलर, आम आदमी पार्टी के पश्चिम प्रान्त के प्रदेश अध्यक्ष एड़वोकेट सोमेन्द्र ढाका, शहजाद राय शौध संस्थान बड़ौत के निदेशक व वरिष्ठ इतिहासकार डा अमित राय जैन, सीसीएस यूनिवर्सिटी मेरठ में इतिहास के प्रोफेसर डा केके शर्मा, कोन्टोनमेंट हैरिटेज सोसाईटी मेरठ के सचिव व वरिष्ठ इतिहासकार डा अमित पाठक, राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश सचिव कुॅंवर अय्यूब अली, नेशनल अवार्डी एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार विपुल जैन सहित अनेकों जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की। सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने बसौद के वीर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि बसौद के वीर शहीदों ने जो कुछ देश के लिए किया उसके लिए उनको कभी भी भुलाया नही जा सकेगा। कहा कि बसौद की धन्य भूमि पर कदम रखकर वे अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे है। कार्यक्रम में डा अमित राय जैन, डा केके शर्मा व डा अमित पाठक ने बसौद गांव के लोगों द्वारा 1857 की क्रांति में निभायी गई महत्वपूर्ण भूमिका से अवगत कराया और शहादत दिवस मनाये जाने के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। नवाब अहमद हमीद, संजय डीलर सहित अनेकों वक्ताओं ने बसौद गांव के वीर शहीदों की याद में शानदार कार्यक्रम आयोजित करने व साम्प्रदायिक सौहार्द में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के लिए युवा चेतना मंच के संस्थापक मास्टर सत्तार अहमद, महासचिव समीर अहमद व उनकी टीम की जमकर प्रशंसा की। इस अवसर पर विलक्षण प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। इस दौरान अनु मलिक, चौधरी यशपाल सिंह, फखरूद्दीन, प्रदीप ठाकुर, वाहिद राजपूत, मास्टर खालिद, यामीन प्रधान, इदरीश प्रधान, हाजी ताहिर, अय्यूम, अब्दुल हई, फतेह मौहम्मद, गुलजार प्रधान, विनोद शर्मा, सुभाष शर्मा, भूलेराम, असर मौहम्मद, मास्टर लालचंद, मास्टर गुलफाम सहित सैंकड़ों लोग उपस्थित थे।

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