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चौधरी चरण सिंह सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी, नैतिकता के प्रबल पक्षधर थे! :-शिक्षाविद रामदुलार यादव

Ghaziabad : लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा किसानों के मसीहा, स्वतन्त्रता सेनानी, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की पावन पुण्यतिथि का आयोजन ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरूप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में संस्था के संस्थापक/अध्यक्ष शिक्षाविद राम दुलार यादव की अध्यक्षता में आयोजित की गयी, कार्यक्रम में शामिल सभी साथियों ने चौधरी चरण सिंह जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण कर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी ईमानदारी, सादगी, शिष्टाचार, नैतिक आचरण से प्रेरणा लेकर उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया|
        कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव ने कहा कि “सादगी, सरलता, ईमानदारी, नैतिकता की प्रतिमूर्ति“ करोड़ों किसानों, कामगारों के मसीहा, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह ब्रिटिश गुलामी से भारत को मुक्त कराने के लिए कई बार जेल गए, उन्होने शिष्टाचार और भारत की भयावह आर्थिक स्थिति कारण और निदान पुस्तक लिखी, गाँव, गरीब, देहात की हालत से वह भलीभाँति परिचित थे, उन्होने कहा था “देश की खुशहाली का रास्ता गाँव के खेत खलिहानों से निकलता है” जब गाँव खुशहाल होगे तभी शहरों और कस्बों में संपन्नता आएगी, उन्होने गरीब और किसानों के हित में जमींदारी उन्मूलन का ऐतिहासिक कार्य किया, उन्हे जनींदारों का कोप भाजन भी बनना पड़ा, लेकिन उन्होने इसकी परवाह नहीं की, वंचित, उपेक्षित, भूमिहीन किसानों के जीवन में प्रकाश की किरण देदीप्यमान हो लगातार काम किया, महात्मा गांधी के विचार से प्रभावित रहे, वह सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी, नैतिकता के प्रबल पक्षधर थे, तथा कार्यकर्ताओं का बहुत ही आदर करते थे, उन्होने पिछड़ों, दलितों, किसानों में राजनैतिक चेतना पैदा की, लेकिन वह मेहनत से धन अर्जन के हिमायती थे, गलत संसाधनों से धन अर्जित करने वालों को राजनीति में स्थान देने के घोर विरोधी थे, लेकिन आजादी के 75 वर्ष बाद भी स्थिति ऐसी बनी की येन केन प्रकारणेन सत्ता पर कब्जा करने का षड्यंत्र देश में चल रहा है, संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा, लोकतन्त्र और संविधान की मूलभावना से खिलवाड़ किया जा रहा है, अहंकार, नफरत, असहिष्णुता, द्वेष, ईर्ष्या का वातावरण बन रहा है, यह लोकतन्त्र के लिए शुभ संकेत नहीं है, हमे चौधरी चरण सिंह जी के विचार पर चलने का संकल्प लेना चाहिए, तथा देश में सद्भाव, भाईचारा, प्रेम, सहयोग और सबके सम्मान के लिए कार्य करना चाहिए, यही चौधरी साहब के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी, श्रद्धांजलि देने वाले प्रमुख रहे, विजय मिश्र, राजीव गर्ग, रेशमा, शीतल, विनोद कुमार त्रिपाठी, हाजी मोहम्मद सलाम, हरिशंकर यादव, प्रेम चंद पटेल, अखिलेश कुमार शुक्ल, हरी कृष्ण, विजय यादव, संजीव कुमार राय एडवोकेट, नवीन आदि ने किसान मसीहा को स्मरण किया|
  
                                                                                                           

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