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साहिबाबाद विधानसभा हो सकता त्रिकोणीय मुकाबला बसपा के वोटे साइलेंट

गाजियाबाद 2022 विधानसभा चुनाव साहिबाबाद विधानसभा सीट एशिया की सबसे बड़ी विधानसभा में शुमार है इस विधानसभा में 10 12154 मतदाता निवास करते हैं यही चीज इसको सबसे बड़ी विधानसभा में शुमार करती है इस विधानसभा में कई चीजों को मौजूदा सरकार ने नजरअंदाज किया है जो इस चुनाव में असर डालेगा जैसे इसी विधानसभा क्षेत्र यूपी बॉर्डर पर 13 महीने का किसान आंदोलन सबसे महत्वपूर्ण मामला है इस आंदोलन के दौरान पूरे आंदोलन में लगभग 7. 50,सौ किसानों ने अपने प्राणों की आहुति दी जिस कारण यह एक बहुत बड़ा फैक्टर है 


यहां पर जातिगत समीकरण कुछ इस प्रकार से हैं मुस्लिम मतदाता 145000 ब्राह्मण मतदाता 78000 दलित मतदाता पिक्चर बाजार वेश्या मतदाता 13 से ज्यादा मतदाता 14000 ठाकुर मतदाता 29000 त्यागी मतदाता 55000 65000 पूर्वांचल गढ़वाली 33000 जाट 27924 कश्मीरी 9000 इसाई 13000 आदि लोग निवास करते हैं इस विधानसभा सीट पर 2017 के चुनाव में सुनील शर्मा भाजपा के प्रत्याशी थे और वह अपने प्रतिद्वंदी पंडित अमरपाल शर्मा को हराकर विधानसभा में पहुंचे वही इस सीट पर बसपा प्रत्याशी अजीत कुमार पाल जोकि बसपा सरकार 2012 में दर्जा प्राप्त मंत्री के पद पर काम कर चुके हैं उनका जुड़ाव पार्टी के पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं में लंबे समय से काम का अनुभव है 


जहां पर 95000 दलित वोट भी निवास करती हैं तथा मुस्लिम मतदाता भी बसपा को यहां सपोर्ट करता है लिहाजा देखा जाए तो बसपा उम्मीदवार भी काफी मजबूत दावा जीत का पेश कर रहा है वही कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवार संगीता त्यागी है वह स्वर्गीय राजीव त्यागी की धर्मपत्नी है उनका राजनीति मैं अनुभव कुछ भी नहीं है वह अपने पति की विरासत को लेकर चुनाव मैदान में है इस चुनाव के दौरान पार्टी के वोटों को तो पार्टी के कार्यकर्ता प्रत्याशी संगीता त्यागी को अपना मत अवश्य देंगे लेकिन संगीता त्यागी सबसे बड़ी विधानसभा में प्रचार करने में नाकाम रहे हैं क्योंकि उनको कोई राजनीतिक अनुभव नहीं था जिससे वह चौथे नंबर पर ही बनी रही है वही भाजपा प्रत्याशी विधायक सुनील शर्मा अपने डबल इंजन सरकार के विकास कार्यों को लेकर काफी संतुष्ट हैं और वह अपनी जीत का दावा पेश करते हैं लेकिन सबसे बड़ी विधानसभा में मुस्लिम समुदाय का योगदान भी बहुत है लिहाजा मौजूदा विधायक ने मुस्लिम समुदाय को इन 5 साल के दौरान कभी भी टच करने का प्रयास नहीं किया है और ना ही उनकी जन समस्याओं पर ध्यान दिया है लिहाजा विकास से कोसों दूर है मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र यहां पर पहले 5 वर्षों में एक भी विकास कार्य का सिला पट नहीं लग पाया है और यहां पर कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोग अपने विधायक से उम्मीद लगा रखी थी लेकिन कोरोना काल में मौजूदा विधायक ने जनता से दूरी बना ली और वह भी कोरोनावायरस से पीड़ित होकर अपने आप को जनता में जाने से बचने लगे लेकिन इसका फायदा पूर्व विधायक पंडित अमरपाल शर्मा को मिल सकता था और प्रयास में भी लगे थे लेकिन सपा प्रत्याशी अमरपाल शर्मा के दागी अतीत से विधानसभा के लोग सहमें हैं जबकि गुर्जर समुदाय के मतदाता 24000 की तादात में है इन मतदाताओं का मानना है किन पर भाजपा नेता गज्जी भाटी की हत्या के षड्यंत्र में शामिल है लिहाजा यहां पढ़े-लिखे लोग समझते हैं समाजवादी पार्टी गुंडों के सहारे सत्ता में आना चाहती है वही पूर्व मंत्री आजम खान को भी जेल से चुनाव लड़ा रहे हैं वही दंगों के मास्टरमाइंड को भी उन्होंने टिकट देने पर सहमति जताई गिरफ्तारी के बाद टिकट किसी परिवार के सदस्य को दिया गया जिससे सपा की छवि काफी धूमिल हुई है इसका सीधा फायदा भाजपा विधायक सुनील शर्मा को मिल सकता है और इस 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायक सुनील शर्मा कहीं ना कहीं इन पर स्वच्छ छवि के चलते भारी दिखाई पड़ते हैं यदि क्षेत्र की जनता ने स्वच्छ छवि को देखते हुए वोट दिया तो भाजपा प्रत्याशी विधायक सुनील शर्मा को दोबारा विधायक बनने से कोई नहीं रोक सकता है

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