आज जनपद में जगह जगह नशा ढूँढने पर मिल जाता है गौरतलब है कि लोनी में काफी कॉलोनीयों में खासतौर से कच्ची कॉलोनियों में नशे का कारोबार फल-फूल रहा है जिसके शिकार अधिकांशत: युवा पीढ़ी 15 से 20 वर्ष के बीच की युवावस्था पीढ़ी नशे में डूब कर अपने भविष्य को ही नहीं जीवन को समाप्त करने पर तूली है। इस बात के लिए हम कई बार पुलिस को दोषी ठहराते हैं जबकि सच्चाई यह है नशे का कारोबार करने वाले हम सब की कालोनियों के बीच रहते हुए ही नशे का कारोबार करते हैं।
हम उनका सामाजिक विरोध नहीं करते। रही बात युवाओं की तो उनके मां-बाप उनके अच्छे संस्कारों का ध्यान नहीं रखते और वह नशे की लत के शिकार होते जाते हैं। जब उनकी हालत खराब होने लगती है तब नशा मुक्ति केंद्र भेजने की सोचते हैं तब बहुत देर हो चुकी होती हैं काश पहले से अपने बच्चों पर ध्यान रख लिया जाए तो यह नौबत ना आए। अधिकांश युवा अब मेडिसिन का नशा करते हैं इंजेक्शन लगाते हैं जो की बहुत ही घातक है साल 2 साल में ही वह मौत का ग्रास बन जाते हैं। ऐसे कई उदाहरण है अशोक विहार में भी पिछले कुछ दिनों में कई ऐसी घटनाए सामने आई अशोक विहार निवासी युवक जिसकी शिनाख्त सानू पुत्र अफसर के रूप में हुई सूत्रों के मुताबिक कई दिन से लापता था नशे आदी था।अमन गार्डन में नशे के कारण मिट्टी में लथपथ मृत अवस्था में मिला था। उससे पहले भी इसी एरिया में शव मिला था।इस तरह के कई मामले लोनी में अक्सर देखने को मिलते हैं।
इसके लिए कौन जिम्मेदार?
माता पिता या हमारे द्वारा सामाजिक दायित्व का निर्वाह ठीक ढंग से ना करना।
या जिला पुलिस?
माना कि पुलिस की ड्यूटी है अपराधिक गतिविधियों को रोकने तथा अवैध धंधों को करने वाले लोगों को कार्यवाही करते हुए जेल भेजने की। किंतु सारी जिम्मेदारी पुलिस की नहीं है। नशा अपराध की जड़ है इसलिए सबसे पहले परिवार का दूसरे नंबर पर समाज आस-पड़ोस का भी दायित्व बनता है कि गलत कृत्य अथवा किसी भी प्रकार की अपराधिक गतिविधि एवं नशा के खिलाफ स्वयं भी अपनी जिम्मेदारी को समझें विरोध करें अधिकारियों को सूचित भी करें। एक अच्छे समाज का निर्माण करें अपने भी कर्तव्य को समझें लोनी क्षेत्र को अपराध मुक्त बनाने में पुलिस को जिम्मेदार ना ठहराते हुए पुलिस का सहयोग करें। सामाजिक संगठन आगे आए ओर मेडिकल स्टोर्स संचालकों से मिले जीवन का महत्व समझाए ना माने तो स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई हेतु प्रार्थना पत्र दे।
ग्रुप पर सभी मौजूद पाठकों पत्रकारों राजनीतिक लोगों एवं सभी सम्मानित ग्रुप मेंबर्स को अवगत कराते हुए कहना चाहता हूं पुलिस की जहां चूक होती है मैं भी खबर लिखता हूं किंतु जो पुलिस की रिस्पांसिबिलिटी है यदि उसमें पुलिस की लापरवाही होती है।खुलकर लिखता हूं। इसे अन्यथा ना लें।किंतु नशे के मामले में यह मेरी विचार धारा है उसके लिए परिवार,ओर समाज के बाद तीसरे नंबर पुलिस आती है।
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