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दनकौर पुलिस पर षड्यंत्र कर युवक को जेल भेजा का लगाआरोप

ग्रेटर नोएडा दनकौर थाना क्षेत्र के ग्राम अट्टा गुजरान के रहने वाले अरुण पुत्र चरत ने दनकौर थाना पुलिस पर आरोप लगाया कि गांव के रहने वाले हमारे विपक्षियों से पुलिस ने सांठगांठ कर मेरे भाई अमित को जेल भेज दिया ।


अरुण ने बताया कि हमारा गांव के कुछ लोगों से संपत्ति विवाद काफी समय से चल रहा है ,दनकौर थाना पुलिस के उप निरीक्षक अविलाश त्यागी, उप निरीक्षक संदीप गहलोत, उप निरीक्षक धीरेंद्र सिंह व सिपाही दीपक ने विपक्षियों के साथ सांठगांठ कर मेरे भाई अमित को एनडीपीएस एक्ट मैं मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेज दिया अरुण ने बताया कि मेरा परिवार पिछले 30 वर्षों से दूध का व्यवसाय कर रहा है हमारा परिवार का भरण पोषण दूध के व्यवसाय से ही चल रहा है ।


अरुण ने बताया कि मेरा भाई 21-9 -2020 को घर से दूध लेकर निकला था लेकिन शाम 5:23 पर दूध के लिए जाते हुए औरंगपुर चौराहे पर पुलिस ने अवैध रूप से गिरफ्तार कर लिया ,अरुण ने बताया कि पुलिस ने रात 11:05 पर औरंगपुर चौराहे से अवैध गांजे के साथ गिरफ्तार करना बताया है जबकि रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरे में साफ दिख रहा है कि पुलिसकर्मी शाम 6:00 बजे के करीब उसका भाई व उसकी मोटरसाइकिल को पुलिस द्वारा थाने की तरफ ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं ।


 अरुण ने बताया कि दनकौर थाना पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में तस्करा पूछताछ के आधार पर वांछित कर दिया जबकि फर्द बरामदगी मैं मेरे भाई अमित का कोई नाम नहीं है और दिनांक 2-9-2020 से दिनांक 21-9-2020 तक एक बार भी ना तो मेरे भाई के पास थाने से किसी भी पुलिस वाले का फोन गया और ना ही प्रार्थी के भाई से कोई पूछताछ की गई ना ही कोई सूचना देने की बात कही जबकि मेरा भाई थाने से महज 200 मीटर दूरी पर सुबह-शाम डेरी पर दूध लेकर आता है, अरुण ने बताया कि दनकौर थाना पुलिस ने मेरे भाई को हरियाणा से गांजा लाकर गाजियाबाद में बेचना बताया गया है मगर मेरा भाई काफी सालों से ना तो हरियाणा गया है और ना ही गाजियाबाद ,दनकौर थाना पुलिस पर सरासर झूठ बोलने का आरोप लगाया है ।


अरुण ने बताया कि शाम 5:23 पर मेरे भाई को गिरफ्तार किया और झूठी कहानी बनाकर गांजे की बरामदगी दिखाई अरुण ने बताया कि अगर मेरे भाई का किसी गांजा तस्कर से संबंध है तो मेरे भाई की फोन की सी-डी-आर या लोकेशन देख ले ।


अरुण ने बताया कि मेरे भाई की गिरफ्तारी के बाद मैंने इसकी सूचना पुलिस के उच्च अधिकारियों को ट्विटर के माध्यम से वह 112 पर फोन करके दी की मेरे भाई की योजनाबद्ध षड्यंत्र के साथ किसी फर्जी मुकदमे में जेल भेज सकते हैं ,लेकिन सूचना के बावजूद उक्त पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई जिसके फलस्वरूप उक्त पुलिस वाले अपने षड्यंत्र में कामयाब हो गए और मेरे भाई को योजनाबद्ध षड्यंत्र के अनुसार जेल भेज दिया अरुण ने उच्च अधिकारियों से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई कर न्याय की मांग की है !!


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