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स्वतंत्रता वीर सावरकर का 137 वां जन्मोत्सव ऑनलाइन सम्पन्न, हिन्दुओ के सैनिकीकरण के पक्षधर थे वीर सावरकर-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

 गाजियाबाद: केन्द्रीय आर्य युवक परिषद ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी वीर सावरकर के 137वें जन्मोत्सव पर उन्हें याद कर ऑनलाइन श्रद्धांजलि अर्पित की।


 


परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि विश्व इतिहास के वह पहले व्यक्ति थे जिन्हें दो बार आजन्म कारावास की सजा सुनाई गई।वीर सावरकर राजनीति के हिन्दुकरण व हिन्दुओ के सैनिकीकरण के पक्ष धर थे,उन्होंने कहा था कि वक्त आएगा कि लोग हिन्दुओ के वोट के लिये कोट पर भी जनेऊ पहन कर घूमेंगे और आज ऐसा हो रहा है।उनकी लिखी *"1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम"* पुस्तक छपने से पहले ही प्रतिबंधित हो गयी थी।आज की युवा पीढ़ी को वीर सावरकर को पढ़ना व समझना चाहिए किस प्रकार अंग्रेजी हकूमत की यातनाएं सहन कर देश को आजाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


 


राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि वीर सावरकर को यदि आज की युवा पीढ़ी अपना आदर्श बना ले तो कई प्रकार की समस्याएं स्वयं हल हो जायेगी।उन्होंने कहा कि वीर सावरकर हिन्दू एकता व हिन्दू राष्ट्र निर्माण के प्रबल समर्थक थे। 


 


कार्यक्रम का संचालन प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने किया, उन्होंने कहा कि वीर सावरकर निर्भीक वक्ता व लेखक थे।


 


इस अवसर पर गीतों द्वारा श्रीमती प्रवीन आर्या,संगीता आर्या,पुष्पा चुघ,किरण सहगल,प्रतिभा सपरा व सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक नरेन्द्र आर्य सुमन ने प्रेरित किया।


 


भारतीय सेना के अदभ्य साहस और वीरता की प्रशंसा की गई तथा विश्वास व्यक्त किया गया कि भारत सरकार चीन को मुंहतोड़ जवाब देगी।पुलवामा पार्ट -2 हमले के प्रयास की निंदा की गई।केंद्र सरकार से कहा गया कि अब आंतकवाद को हर कीमत पर कुचलना ही होगा।


 


इस अवसर पर सर्वश्री महेन्द्र भाई,देवेन्द्र भगत,धर्मपाल आर्य, दिनेशसिंह आर्य,आनन्द प्रकाश आर्य,संतोष आर्य (नासिक),ओम सपरा,यशोवीर आर्य आदि उपस्थित रहे।


 


 


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