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शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर रोक लगाना विश्वविद्यालयों में नकाबपोश बदमाशों व पुलिस का घुसना लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं : रामदुलार यादव

साहिबाबाद: 26 जनवरी 2020 को डा0 अम्बेदकर जन-कल्याण परिषद् उत्तर प्रदेश द्वारा डा0 अम्बेदकर पार्क लाजपत नगर साहिबाबाद के प्रांगण में धूम-धाम से मनाई गयी,


कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष लक्ष्मन प्रसाद ने किया, ध्वजारोहण श्रीमती कुलविन्दर कौर, सुधा रानी, राज बाला मौर्य ने किया, मुख्य वक्ता समाजवादी चिन्तक, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम दुलार यादव रहे, कैलाश चंद्रा, ने भी विचार व्यक्त किया| रमेश भारती ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया| कार्यक्रम के पश्चात मिष्ठान वितरित किया गया|
   कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम दुलार यादव ने गणतन्त्र दिवस समारोह में शामिल सभी भाई-बहनों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि आज हम 71वें गणतन्त्र में प्रवेश कर रहे है आज के दिन ही भारतीय संविधान लागू हुआ| आजादी से पहले ब्रिटिश सरकार ने हमारे देश के संसाधनों को दोनों हाथों से लूटा, आजादी के बाद वर्तमान भारत आज 70 साल बाद जहाँ हमारे आप के प्रयासों से अनेकों क्षेत्रों में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त किया वहीँ आज देश की आर्थिक स्थिति भयावह व चिंताजनक है उद्योग धन्धे बन्द हो रहे है, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, रोजगार के अवसर पैदा नहीं हो रहे है, आर्थिक असमानता इतनी हो गयी है 1% लोगों के पास एक अरब भारतीयों से चार गुना अधिक संपत्ति हो गयी जहाँ 70 करोड़ से अधिक लोग दो जून की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वही सामाजिक विषमता आज भी व्याप्त है| आजादी के 70 साल बाद भी यहाँ जातिवाद, रूढ़िवाद है, धार्मिक पाखण्ड है, आस्था के नाम पर मानसिक गुलामी का वातावरण बनाया जा रहा, शिक्षण संस्थानों की नींव हिल गयी हैं, वैचारिक संकट पैदा हो गया है, डर, भय, भ्रम व नफ़रत फैलाई जा रही है| लोकतंत्र की रैंकिंग में हम दस पायदान नीचे चले गये हैं, शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर रोक लगाना, विश्वविद्यालयों में नकाबपोश बदमाशों व पुलिस का घुसना लोकराज के लिए शुभ संकेत नहीं है, हमारे पूर्वजों ने क्या इसीलिए अपना जीवन बलिदान किया था| अगर आज वह होते तो यह अवश्य विचार करते कि हमने तो समता, समानता, न्याय व बंधुता, शोषण विहीन समाज बनाने के लिए, प्रत्येक व्यक्ति को गरिमामय जीवन जीने के लिए तथा सम्पन्नता प्रत्येक घर में पहुंचे अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया, जहाँ सद्भाव, भाईचारा, प्रेम होगा| लेकिन आज की स्थिति से वे अवश्य चिंतित होते| यदि आज उनके अनुरूप भारत बनाना चाहते हैं तो संविधान के अनुरूप कार्य करके ही लोकतंत्र, भारतीय समाज को सुदृढ़ कर सकते है, असहमति को देश द्रोह न समझे, दृढ इच्छाशक्ति से ही भारत महान बनेगा| 
   प्रमुख संस्था के साथी लक्ष्मण प्रसाद, अनिल कुमार गौतम, परम हंस कुमार, मंगल देव, राज कुमार, दयाराम, रमेश गौतम, रमेश भारती, यशवंत कुमार, संतोष, राम बचन, मति राम, राजेश कुमार गौतम, अजय कुमार, बुद्धिराम, कैलाश चन्द, जगन्नाथ प्रसाद, पिंटू, ओमपाल सिंह, ब्रह्म प्रकाश, सुमेर सिंह जाटव, दिनेश कुमार गौतम, प्रेम कुमार, राम दुलार यादव, चतर सिंह, कुलविंदर कौर, सुधा, राज बाला मौर्य, सहित सैकड़ों लोग कार्यक्रम में शामिल रहे|
                                                                                                


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