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हमारा बहुजन समाज इस बार गणतंत्र दिवस(26 जनवरी)को नये अंदाज में मनाने की सोच रहा है, जानिए क्यों और कैसे ?

गणतंत्र दिवस(26 जनवरी)मनाने की अभी तक की परंपरा रही है कि राष्ट्रीय ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय गान जन मन गण गाया,कुछ देश भक्तों के बारे में बताया  मिठाई बांटी और नाच गाना किया लो मन गया गणतंत्र दिवस।


 लेकिन अब बहुजन समाज के लोग इसमें परिवर्तन करेंगे जो निम्न प्रकार होंगे।


  *राष्ट्रीय ध्वज की पूरी जानकारी दी जाएगी।*


 अभी तक प्रचलित परम्परा के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा झंडा कहा जाता रहा है जो कि बिलकुल गलत है और यह गलती जानबूझकर की जाती रही है क्योंकि चौथा रंग गहरा नीला रंग है जिससे अशोक चक्र बना हुआ है और अशोक चक्र में जो 24 तीलियाँ बनी हुई हैं वे बुद्ध के धम्म की शिक्षाओं से सम्बंधित हैं इसलिए मनुवादियों ने षड्यंत्र के तहत चौथे रंग को ही गायब कर तिरंगा झंडा नाम दे दिया,राष्ट्रीय ध्वज में सभी को चार रंग साफ साफ नजर आते हैं लेकिन फिर भी इसे तिरंगा झंडा बोलते हैं लेकिन अब इसे तिरंगा झंडा नहीं बल्कि राष्ट्रीय ध्वज ही कहा जायेगा साथ ही अशोक चक्र में जो 24 तीलियाँ बनी हुई हैं उनके बारे में भी विस्तार से बताया जाएगा।


*भारत के संविधान की जानकारी दी जाएगी।*


26 जनवरी को भारत का संविधान लागू होने के उपलक्ष में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि गणतंत्र दिवस मनाते समय भारत के संविधान की बिलकुल भी चर्चा नहीं की जाती है कि कोनसे अधिनियम में क्या लिखा हुआ है यहां तक कि संविधान की प्रस्तावना की भी चर्चा नहीं की जाती है  एवं सबसे पहले अधिनियम में हमारे देश का नाम इंडिया हिंदी में भारत होगा इसके बारे में लिखा गया लेकिन इसकी भी जानकारी लोगों को नहीं दी जाती है क्योंकि मनुवादी लोग भारत को हिंदुस्थान बनाने का सपना देख रहे हैं।
बहुजन समाज अब 26 जनवरी को संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ेगा तो साथ ही शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार न्याय अभिव्यक्ति सहित अनेकों महत्वपूर्ण अधिनियम की विस्तार से जानकारी साझा करेगा।
संविधान पर परिचर्चा, संविधान पाठ, संविधान जागरण अभियान व घर घर संविधान की प्रति बांटकर जन जन तक भारत के संविधान की जानकारी दी जायेगी।


*संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को याद किया जायेगा।*



26 जनवरी का दिन देश मे संविधान लागू होने के कारण मनाया जाता, लेकिन बड़ी शर्म की बात है कि इस दिन संविधान निर्माता का नाम तक नहीं लिया जाता है,इस दिन यह तो कहा जाता है हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है लेकिन यह नहीं बताया जाता है कि इस महान ग्रन्थ को लिखने वाली शख्सियत का नाम डॉ भीमराव अंबेडकर है।
लेकिन अब बहुजन समाज 26 जनवरी गणतंत्र दिवस समारोह को पूर्ण रूप से बाबा साहेब को समर्पित करेगा। इस दिन 14 अप्रेल से भी ज्यादा बाबा साहेब अंबेडकर को याद किया जायेगा।


आप सभी से अपील की जाती है कि सभी जगह नये अंदाज से गणतंत्र दिवस मनाने पर विचार करें।


 


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