पीयूष चावला ने वर्ष 2006 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था और एक दिवसीय एवं टी-20 क्रिकेट प्रारूपों में भारत की विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा बनें। उन्होंने टेस्ट वनडे और टी-20 अंतर्राष्ट्रीय प्रारूपों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और घरेलू क्रिकेट में अपनी लेग स्पिन गेंदबाजी से अनेक मैचों में टीम को जीत दिलाई।
अपने संन्यास की घोषणा करते हुए चावला ने कहा क्रिकेट मेरे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। मुझे गर्व है कि मुझे देश का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। अब समय आ गया है कि मैं अपने जीवन के नये अध्याय की ओर बढूं और क्रिकेट को अन्य माध्यमों से योगदान दूं। मैं अपने परिवार कोचों साथियों प्रशंसकों और बी0सी0सी0आई का आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मेरी यात्रा को खास बनाया।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बी0सी0सी0आई और क्रिकेट जगत के अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने पीयूष चावला के योगदान की सराहना की और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। उनकी गिनती भारत के श्रेष्ट स्पिन गेंदबाजों में की जाती रहेगी।
इस अवसर पर आई0टी0एस-द एजुकेशन ग्रुप के वाइस चेयरमैन, श्री अर्पित चड्ढा ने पीयूष चावला के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा पीयूष चावला न केवल एक सफल क्रिकेटर बल्कि एक बहुत अच्छे इंसान के रूप में युवाओं को सदा प्रेरित करने एवं उन्हें सफलता की राह दिखाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि चावला ने भारतीय क्रिकेट में जो योगदान दिया है वह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है। हम उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं और आशा करते है कि वे अपनी अगली पारी में भी सफलता प्राप्त करेंगे।
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