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आंखों में धुंधलेपन से होती है शुरुआत

गाजियाबाद। महानगर के प्रसिद्ध यशोदा अस्पताल में कार्यरत मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ सौरभ गुप्ता ने मधुमेह रोग के आंखों पर प्रभाव को लेकर कुछ विशेष बातें बताई हैं। डॉ सौरभ का कहना है कि डायबिटीज यानी मधुमेह रोग में आंखों पर होने वाले प्रभाव को डायबिटिक रेटिनोपैथी कहते हैं। 
इस बीमारी में मरीज को या तो धुंधला दिखाई देना शुरू हो जाता है या फिर उसके सब कुछ तैरता हुआ नजर आने लगता है। मरीज को रंग पहचानने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बीमारी में आंख के ठीक बीचों बीच एक काले रंग का धब्बा भी आ जाता है। डॉ सौरभ ने बताया कि ये लक्षण यदि किसी मरीज को हैं तो उसे तत्काल अपने डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मधुमेह के मरीजों को अपनी शुगर कंट्रोल का बहुत ध्यान रखना चाहिए तथा साल में एक या दो बार आंखों के डॉक्टर से भी परामर्श लेते रहना चाहिए। डॉ गुप्ता ने कहा कि यदि एहतियात बरती जाए तो इस बीमारी का उपचार सम्भव है अन्यथा यह बीमारी इंसान को पूर्णतया अंधेपन की ओर ले जाती है। इसके लिए उन्होने बताया कि मधुमेह रोग से ग्रसित इंसान को सबसे पहले अपनी खान पान की आदतों का ध्यान रखना चाहिए। न ही तो ज्यादा समय के लिए भूखा रहना चाहिए और न ही आवश्यकता से अधिक ही खाना चाहिए। साथ ही आलू या अधिक स्टार्च वाली सभी वस्तुओं को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

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