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डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का सपना ''राष्ट्र निर्माण'' भ्रष्टाचार मुक्त, नैतिक, शिक्षित, स्वस्थ्य समाज से ही संभव : वीरेन्द्र यादव एडवोकेट

साहिबाबाद : भारत के 11वें राष्ट्रपति मिसाइल मैन बिलक्षण प्रतिभा के धनी भारत-रत्न महा मानव डॉ ए0 पी0 जे0 अब्दुल कलाम साहब की पुण्यतिथि “राष्ट्र निर्माण दिवस” के रूप में समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव जनपद गाजियाबाद वीरेन्द्र यादव एड्वोकेट के नेतृत्व में आयोजित की गयी| 


कार्यक्रम की अध्यक्षता मास्टर अली शेर ने आयोजन साहिबाबाद विधान सभा अध्यक्ष अवतार सिंह काले ने, संचालन मोहिसन जी ने किया, महिला उत्थान संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष विन्दु राय ने डॉ ए0 पी0 जे0 अब्दुल कलाम के सम्मान में गीत प्रस्तुत किया, समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्य कार्यकारिणी सदस्य उ० प्र० राम दुलार यादव मुख्य वक्ता कार्यक्रम में शामिल रहे| 


    कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राम दुलार यादव ने कहा कि डॉ ए0 पी0 जे0 अब्दुल कलाम विलक्षण प्रतिभाशाली, शिक्षाविद, वैज्ञानिक, मिसाइल मैन अद्भुत इंसान थे जिन्होंने देश के विकास लिए अनेकों उल्लेखनीय कार्य किये, राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए रात-दिन काम किया, जीवन के अंतिम क्षण तक राष्ट्र-निर्माण में लगे रहे| उन्होंने नवजवानों को सर्वागीण विकास के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि “यदि सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो सूरज की तरह जलना सीखो”| “सपने वह नहीं जो हम रात में देखते है, सपने वह जो आपको सोने न दे” हमें कलाम साहब के आचरण और विचार से प्रेरणा लेनी चाहिए तथा संकल्प लेना चाहिए कि हम राजनीति में शुचिता लाने के लिए काम करेंगे, धन बल, बाहुबल, तथा अपराधीकरण के विरुद्ध वातावरण तैयार करेंगे, तभी हम कलाम साहब के सपनो का भारत बना पायेंगे| वह समाज, देश में जाति-धर्म से ऊपर उठकर सद्भाव, सहयोग, भाई-चारा, प्रेम बढ़ाने के पक्षधर थे| उनका सपना था कि भारत से गरीबी और बेकारी दूर किये बिना हम भारत को सुदृढ़ राष्ट्र नहीं बना सकते| वह गुजरात दंगे से जिसमे हजारों लोग मारे गए बहुत दुखी थे, तथा कहा कि मानवता के नर संहार को सरकार को, रोकने में महत्त्व पूर्ण भूमिका निभानी चाहिए नहीं तो इतिहास उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगा|


    वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने कहा कि साधारण परिवार में जन्मे डॉ ए0 पी0 जे0 अब्दुल कलाम परिश्रम, इमानदारी, प्रतिभा से मिसाइल मैन, महान वैज्ञानिक तथा भारत के सबसे उच्च संवैधानिक राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया| कलाम साहब वैज्ञानिक, राजनेता, युवाओं के प्रेरणा स्रोत रहे, युवाओं को संघर्षरत रहकर मेहनत के बल पर अपने जैसा बनाना चाहते थे, वे साम्प्रदायिक व सामंतवादी ताकतों के विनाश के लिए वातावरण तैयार करने की प्रेरणा नवजवानों में पैदा करना चाहते थे, तथा समरस, समता मूलक समाज बनाना चाहते थे, उनका मानना था भारत में गरीबी, शिक्षित समाज, भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाकर दूर की जा सकती है| 

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल रहे :- मास्टर अली शेर, सरदार अवतार सिंह काले, मोहिसन, ए0 के0 चौधरी, फिरोज प्रधान, अब्बास राणा, माजिद ठाकरान, तोसीफ, साहिल चौधरी, सुहेल चौधरी, शोयब चौधरी, आसिफ चौधरी, समाजवादी पार्टी महिला सभा उपाध्यक्ष संजू शर्मा, रेनूपुरी, शबाना, अनीता सिंह, लक्ष्मी यादव, बिन्दू राय आदि| 

                                                                       

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