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साहित्यक एंव सामाजिक संस्था चेतना की संरक्षक रश्मि शाक्य की शादी की सालगिरह पर काव्य संध्या का आयोजन

सत साधना साहित्यक जगत में रश्मि जी नमन हम करते है: मीरा चैरसिया 


देवबंद: सोमवार की रात साहित्यक एंव सामाजिक संस्था चेतना की संरक्षक वरिष्ठ साहित्यकार रश्मि शाक्य की शादी की सालगिरह पर संतनगर कालोनी स्थित लोकेश वत्स के आवास पर काव्य संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यपर्ण उ0 प्र0 जनकल्याण मंच के प्रदेशाध्यक्ष चैधरी ओमपाल सिंह ने तथा दीप प्रजवलित समाज सेवी राजकिशोर गुप्ता ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मीरा चैरसिया की सरस्वती वंदना से किया गया। 


काव्य संध्या में अपना काव्य पाठ करते हुए डा0 दिवाकर गर्ग ने सुनाया कि बिन चाहत सर्वस्व लुटाया करती जो, केवल माॅ ही वो कुरबानी होती है। जहाज देवबंदी ने सुनाया कि तौबा तौबा ये करोना के जमाने तौबा, अच्छे अच्छे के लगे होश ठिकाने तौबा। प्रंाशु जैन ने कुछ यूं अपना काव्य पाठ करते हुऐ सुनाया कि मैं मील का पत्थर बना, मंजिल कभी ना बन सका जश्न ए सफर उसका बना, पर जिन्दगी ना बन सका। लोकेश वत्स एडवोकेट ने सुनाया कि बिन पुछे भी चेहरा पढकर हाल सभी का जाना कर, कितने दर्द हसीं के पीछे सोच समझ के पहचानाक। बलराज मलिक ने सुनाया कि मुझको सता रही है तेरी याद आज कल, कुछ पल में ही सनम तुम कितना गये बदल। मीरा चैरसिया ने अपना काव्य पाठ कुछ यूं सुनाया कि सत साधना साहित्यक जगत में रश्मि जी नमन हम करते है शादी की सुमंगल वर्ष गांठ पर सत सत बधाई हम देते है। 

कार्यक्रम में संस्था की और से ंकेक काटकर वर्षगांठ की मंगल कामना करते हुऐ सभी अतिथियों को अभिन्नदन पत्र देकर सम्मानित किया गया। 

इस मौके पर डा0 बी0पी0 सिंह, अरविन्द कुमार, आदेश चैहान, कुणाल धीमान, रितेश कुमार, संजय कुमार, असलम असंारी, नितिन शर्मा, आदि मौजूद रहे। संस्था के गौरव विवेक महासचिव ने सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया।

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