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रोगप्रतिरोधक क्षमता के विकास से ही रोगों का अंत सम्भव : राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

गाज़ियाबाद,मंगलवार,29 सितम्बर 2020, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में *कोरोना से जंग होम्योपैथी के संग* विषय पर ऑनलाईन गोष्टी गूगल मीट पर आयोजित की गई।यह कोरोना काल परिषद का 96वां वेबिनार था।


 


मुख्य वक्ता डॉ डी सी प्रजापति, (अध्यक्ष अखिल भारतीय चिकित्सक ऐसो०) ने कहा कि कोरोना वायरस से बचने के लिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।साथ ही संक्रमण से बचने के लिए होम्योपैथी की आर्सेनिकम एल्बम 30 दवा प्रातः काल लेने की सलाह दी।होम्योपैथिक का सिद्धांत कहता है कि यदि अत्यधिक पानी के साथ खाने की कोई चीज़ इंसान के पेट में पहुंचती है तो उसकी "मेमोरी" शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रक्रिया को शुरु कर सकती है।आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड को अधिक डाइल्यूट करने पर आर्सेनिकम मिलता है।होम्योपैथी में कई लक्षणों के इलाज के लिए इसका इस्तेमाल होता है। होम्योपैथी कारगर विधि है जिसमें हर बीमारी का सुगम उपचार उपलब्ध है।उन्होंने निम्बू,गिलोय, तुलसी और रात्रि दूध हल्दी के सेवन का परामर्श दिया।


 


केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सभी मेडिकल पद्धति जैसे - आयुर्वेद,एलोपैथी,होम्योपैथी आदि सभी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर हीं जोर देते हैं।इसमे योग का भी महत्वपूर्ण योगदान है।नियमित योग ना केवल आपको स्वस्थ रखता है,बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कोरोना वायरस जैसी बीमारियों से लडऩे की शक्ति देता है। संतुलित आहार के साथ नियमित योग से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।


 


सुप्रसिद्ध समाजसेवी राकेश चोपड़ा ने कहा कि आजकल के खानपान और ग़लत जीवन शैली के कारण हमारा रोग प्रतिरोधक तंत्र इतना मजबूत नहीं रहता है की वह रोगो से लड़ सके।जिसके कारण हमारा शरीर शीघ्र ही रोगग्रसित हो जाता है।इसलिए आवश्यक है की हम अपने खानपान व जीवनशैली को अच्छा रखें।


 


प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा की परिषद निरंतर स्वास्थ्य, अध्यात्म,मनोरंजन,महापुरुषों की जयंती व पुण्यतिथि व सांस्कृतिक विषयों पर गोष्ठियों का आयोजन कर रही है जो कि सराहनीय है।


 


प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए कहा कि रात्रि में खिचड़ी,दलिया हल्के भोजन से कई बीमारियों से बचा जा सकता है।


 


आर्य नेत्री सुषमा बुद्धिराजा, प्रतिभा सपरा,विमला आहूजा, संध्या पांडेय,देवेन्द्र गुप्ता,रविन्द्र गुप्ता,ईश्वर आर्या आदि ने भजन व गीत सुनाये।


 


प्रमुख रूप से आनंदप्रकाश आर्य (हापुड़),प्रकाशवीर शास्त्री, यज्ञवीर चौहान,देवेन्द्र गुप्ता (इंदिरापुरम),देवेन्द्र भगत,सुरेन्द्र शास्त्री,संतोष शास्त्री,ओम सपरा, वीरेन्द्र आहूजा,वीना वोहरा आदि उपस्थित थे।


 


 


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