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आई0टी0एस0 कालेज आफ फॅार्मेसी द्वारा आंतों के संक्रमण की बनाई गई दवा को भारत सराकार के द्वारा मिला पेटेेंट

गाजिायाबाद: आई0टी0एस कालेज आफ फार्मेसी  को आंतों के संक्रमण से निदान के लिये इजाद की गई औषधी को भारत सरकार के बौद्विक संपदा विभाग द्वारा पेटेंट किया गया। कालेज के निदेशक डा0 एस सदीश कुमार ने खोज के बारे में बताते हुए कहा कि पेटेंट भारत सरकार के द्वारा हर्बल दवाइयों के निर्माण कार्य हेतु 20 साल के लिए प्रदान किया गया है। 


कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा0 नितिन कुमार ने इस औषधी को इजाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इसके लिए उन्होंने कठिन परिश्रम किया। 


डा0 नितिन ने कहा कि यह हर्बल फाॅर्मूलेशन दो प्रकार के एक्सट्ैक्ट से मिलकर बना है जिसमें दो स्वदेशी पौधों का इस्तेमाल किया गया है टृाइकोसेन्यीस के बीज एवं प्रुनसपर्सिका पत्तियों से इस फाॅर्मूलेशन को तैयार किया गया है जिसमें सक्रिय रासायनिक घटक मौजूद रहते है। तथा यह इष्टतम अनुपात में हैलिमिन्टिकस को मारता है। एंटेलमिटिक्स या ऐटोहेल्मिन्थिक्स दवाओं का एक समूह है जो परजीवी कीडे हेल्मिन्यस और शरीर के अन्य आंतरिक परजीवों को मारकर तथा मरीज को बिना नुकसान पहुचाये निष्कासित करते है। इस प्रकार की दवाईया वृमीफयूज या वृमीसाइटस भी कहलाती है। एंटेलमिटिक्स का उपयोग उन लोगो के इलाज के लिये किया जाता है जो हैलिमिन्टिक्स से संक्रमित होते है। यह फाॅर्मूलेशन प्राकृतिक होने के कारण उन सभी दुष्प्रभावों से मुक्त होगा जो पिपराजीन सिटृट एल्बेंडाजोल आदि सिंथेटिक दवाओं के कारण हो सकते है। यह दवा पेट की आतों में होने वाले संक्रमण को खत्म करने में लाभदायक है। हर्बल फाॅर्मूलेशन की खोज एक टीम ने की जिसमें आई0टी0एस कालेज आॅफ फार्मेसी गाजिायाबाद के एसोसिएट प्रोफेसर डा0 नितिन कुमार, प्रोफेसर डा0 एस0 सदीश कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर डा0 प्रवीण कुमार गौड, असिस्टेंट प्रोफेसर मि0 प्रसून कुमार सक्सेना, तथा एसोसिएट प्रोफेसर डा0 गिरेन्द्र कुमार गौतम शमिल थे। 


कालेज की इस उपलब्धि पर आई0टी0एस दी एजूकेशन ग्रुप के चेयरमेन डा0 आर0पी0 चढडा एवं वाईस चेयरमेन श्री अर्पित चढडा जी ने कालेज के निदेशक डा0एस0 सदीश कुमार एवं औषधि निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डा0 नितिन कुमार को बधाई दी एवं उनकी प्रशंसा की।


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