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चारों तरफ उठने लगे बेसहारों के लिए हाथ!

गोरखपुर व्यूरों :- कभी कभी ऐसा भी देखने सुनने को मिलता है कि जिसका कोई नहीं होता है उसका भगवान  होता है लेकिन ये भगवान हमारे आप में से ही कोई होता है क्योंकि भगवान तो हर जगह हो नहीं सकतें ! इस बात को सिद्ध कर दिखाया है मजदूरों भूखों आदि के प्रति मदद को उमड़ता जनसमूह! आज हर जगह लाक डाउन होने से कहीं न कहीं कोई न कोई अपने ठिकाने पर पहुँच नहीं पाया है या फिर रोजगार के लिए गया है और वही फंस गया है ऐसे लोगों की मदद के लिए लोग आगे आने लगे हैं और अपने क्षमतानुसार मदद कर रहे हैं! प्राप्त खबर के अनुसार चौरी चौरा क्षेत्राधिकारी रचना मिश्रा गुलहरिया थाना प्रभारी के साथ बीआरडी कॉलेज में गरीब और भूखें लोगों को सैनिटाइज कराकर उनको भरपेट  भोजन कराया वही रामपुर बुजुर्ग 15 मिल चौराहा पर कुशीनगर बॉर्डर पर राहगीरों को भोजन व विस्कीट पानी आदि दिया गया! इसी क्रम में  सोनबरसा चौकी प्रभारी विशाल शुक्ला अपने फोर्स के साथ ड्यूटी के साथ मानवता की मिसाल पेश की! क्षेत्राधिकारी चौरी चौरा रचना मिश्रा के  कुशल निर्देशन में चौकी प्रभारी विशाल शुक्ला अपने साथ खाद्य सामग्री भी लेकर चल रहे हैं और रास्ते में मिलने वाले अर्धविक्षिप्त व कई दिनों से भूखे-प्यासे राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहे राहगीरों को भोजन, बिस्किट, पानी उपलब्ध कराने के साथ ही बीमार लोगों की मदद करने को भी आगे आ रहे हैं। साथ ही साथ  राहगीरों को  हिदायत भी दे रहे हैं कि अपने घर पहुंचने से पहले अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में अपना स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य करा  लेंगे।


सोनबरसा पुलिस चौकी प्रभारी विशाल शुक्ला ने बताया कि आवश्यकता अनुसार यह कार्य अनवरत जारी रहेगा। इस दौरान  कां. अशोक सिंह , रुद्र सिंह, अनिल कुमार,निलेश कुमार, राहुल यादव मौजूद रहे।


*पत्रकार बंधुओं ने भी लोगों की  मदद* 
अपनी लेखनी के माध्यम से जनता की आवाज पहुंचाने वाले कलमकार भी अब उन गरीब बेसहारा लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसा ही एक नजारा धर्मशाला, मारवाड़ी स्कूल के पास देखने को मिला ! सड़क के किनारे बैठे  गरीब बेसहारा की भूख प्यास बर्दाश्त नहीं हुई तो उन्होंने निश्चय किया कि सरकार व प्रशासन को कोसने से बेहतर है कि हम भी समाज के अभिन्न अंग है । हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि इन गरीब मजलूम बेसहारा की जितनी भी हो मदद की जाए। गौरतलब है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देश के नाम संदेश के दौरान 21 दिन के  लॉक डाउन की घोषणा की। इसके के पीछे उद्देश है कि कोरोना जैसे संक्रमण की चैन को तोड़ा जा सके और इस बीमारी से लड़ने का यह एक बड़ा माध्यम है क्योंकि चीन से फैली यह बीमारी 160 देशों से अधिक जगह पर फैल चुकी है। अभी तक ना तो इस बीमारी का कोई इलाज ढूंढा जा सका है और ना ही कोई वैक्सीन तैयार हुई है ऐसे में बचाव ही इस बीमारी का इलाज है और सोशल डिस्टेंस बनाए रखने की जरूरत है!  इसी क्रम में नगरीय  विद्युत वितरण खंड द्वितीय के अधिशासी अभियंता इंजीनियर यदुनाथ राम ने भी 21 दिन की लॉक डाउन के दौरान गरीब बेसहारा दिहाड़ी मजदूरो के लिए दो वक्त के भोजन पानी का इंतेजाम किया। अधिशासी अभियंता ई यदुनाथ राम ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने कोरोना बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है । सोशल डिस्टेंस बनाए रखने की जरूरत है लोग अपने घरों में सुरक्षित रहें स्वस्थ रहें। भीड़-भाड़ की जहां पर जाने से बचे । हाथ को साबुन व सैनिटाइजर से साफ करते रहे। अधिशासी अभियंता ने धर्मशाला यातायात कार्यालय मारवाड़ी स्कूल आस्ताना मुबारक खां शहीद के पास भोजन पैक को तैयार करा कर अपने कर्मचारियों के साथ वितरण किया। 


*परदेश में फंसे मजदूरों को घर लाने की हुई पहल*:-कोरोना संकट काल मे बंगलौर में फंसे चौरी चौरा विधानसभा के 45 श्रमिकों को घर लाने की पहल विधायक ने शुरू कर दी है! चौरी चौरा विधानसभा के विधायक संगीता यादव ने वहाँ के स्थानीय बीजेपी संगठन के लोगो से चौरी चौरा के श्रमिकों को मदद करने को कहा है! इस दौरान मालुम चला है कि बंगलौर में फसे 45 श्रमिकों को राहत सामग्री दी गई है! 


*तमिलनाडु में फंसे चौरीचौरा के युवको ने किया घर वापसी कराने की मांग* थाना क्षेत्र के राघोपुर गांव के सौ से अधिक युवक लॉक डाउन में तमिलनाडु  में बुरी तरह से फंस गए है। उनका ठेकेदार भी गायब हो गया और अब मकान मालिक भी घर से निकाल रहा है। उनके सामने भोजन व रहने का बड़ा संकट पैदा हो गया है। फंसे हुए युवक तमिलनाडु से वीडियो बनाकर पीएम नरेंद्र मोदी व प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से घर वापसी कराने की मांग कर रहै है। गांव के कमलेश निषाद, जितेंद्र, मनोज निषाद, कन्हैया लाल, अमृत निषाद, अंजीत निषाद, मुकेश, चंद्रशेखर, संदीप, पवन, मुन्नीलाल सहित लगभग सौ से अधिक युवक पेंट पॉलिश करने तमिलनाडु के चिरपुर में गए थे। लॉक डाउन होने के बाद ठेकेदार घर चला गया। जिस दुकान से यह लोग राशन लेते थे वह दुकान बंद हो गया । सिर्फ दो दिन का राशन बचा हुआ है जिससे इनके सामने भूखमरी की स्थिति आ गई है!तमिलनाडु से उन्हें कोई मदद नही मिल रहा  है। ऐसे में उन सभी ने घर पर फोन करके अपना दर्द बताया है । परेशानी में पड़े युवको को लेकर परिजन भी खासे परेशान हो गए है। युवको ने प्रधान प्रतिनिधि संतोष यादव से घर वापसी कराने की व्यवस्था बनाने की बात कहा है। प्रधान प्रतिनिधि ने विधायक संगीता यादव से भी मदद की गुहार लगाया है। प्रधान प्रतिनिधि का कहना है कि युवको के संकट को सरकार ध्यान दे। उन्हें वहां पर ही रहने और भोजन की व्यवस्था कराने या घर वापसी कराए ताकि युवक भूखमरी से बच सकें।


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