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मंडोला गाजियाबाद द्वारा प्रदूषण फैलाने वालो के खिलाप जारी मुहिम लाए रंग हुआ मुकदमा दर्ज

गाजियाबाद:  किसान सत्याग्रह आंदोलन के सत्यग्रही किसानों द्वारा प्रदूषण के खिलाप जारी मुहिम को समर्थन देने पूर्व कैबिनेट मंत्री सतीश शर्मा भी अपने साथियों के साथ पहुँचे उन्होंने किसानों द्वारा प्रदूषण के खिलाप जारी मुहिम का समर्थन किया और बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर की। किसानों द्वारा जनहित के मुद्दे पर कार्य करने के लिए सत्यग्रही किसानों की प्रसंसा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने में अहम भूमिका निभाने वाले परिषद के भृष्ट अधिकारियों जिन पर मुकदमे दर्ज हुए हैं


उनको राजनीतिक दबाव में छोड़ा गया तो इसका परिणाम अच्छा नही होगा यदि ऐसा हुआ तो किसानों के साथ बैठकर ठोस रणनीति बनाकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा ।
जांच के नाम पर दोषियों को मुकदमे से बाहर करने का खेल सुरु हो गया है । मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसान सत्याग्रह आंदोलन के सत्यग्रही किसानों ने प्रमाण के साथ परिषद के अधिकारियों पर हजारो टन इलेक्ट्रिक प्लेटो के अनुपयोगी कचरे का भंडारण कराकर आग के हवाले कराने पर उनके खिलाप मुकदमा दर्ज कराने की मांग की जिसकी तहरीर गत दिनाँक 31/10/2019 को परिषद कार्यालय पर प्रदूषण के खिलाप प्रदर्शन के दौरान SHO ट्रोनिका को दी गई लेकिन किसी नेता या बड़े अधिकारी के दबाव में दोषियों पर मुकदमा दर्ज नही हुआ तो तहसील कार्यालय पर एक बार पुनः प्रदर्शन किया गया और तहरीर दी गई जिस पर मुकदमा तो दर्ज कर लिया गया । लेकिन विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के बड़े अधिकारी एवं क्षेत्रीय विधायक जांच का हवाला देकर दोषियों को मुकदमे से बरी करने की योजना बना रहे हैं सत्यग्रही किसानों द्वारा हजारो टन ई कचरे का परिषद की खाली पड़ी जमीन पर भंडारण कराने के प्रमाण इन्हें दोषी करार देने के लिए पर्याप्त नही तो जरूर मुकदमे से बरी कर दिया जाए । ये दोषी नही हैं तो पुलिस प्रशासन के मुखिया व जिला प्रशासन के मुखिया दोषी हैं या क्षेत्रीय विधायक दोषी हैं जो छोटे छोटे कारोबारियों को जेल भेजकर, 100-200 किलो कचरा अपनी  कस्टडी में लेकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं क्षेत्रीय विधायक इतने गम्भीर मुद्दे पर भी समाचार पत्रों के माध्यम से परिषद के दोषी अधिकारियों की तरफदारी करते नजर आ रहे हैं विधायक जी का समाचार पत्र में छपा बयान यही दर्शा रहा है कि विधायक केवल नगर पालिका तक ही सीमित हैं नगरपालिका के अलावा उन्हें किसी से कोई मतलब नही , किसान प्रदूषण के खिलाप अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं तो उन्हें रास नही आ रहा है उन्होंने दोषी अधिकारियों की तरफदारी में ( जिन पर प्रदूषण फैलाने के मुकदमे दर्ज हुए हैं ) बयान देने सुरु कर दिए हैं जिस पर सत्यग्रही किसानों में रोष व्याप्त है । सत्यग्रही किसानों का कहना है कि जांच जरूर हो लेकिन किसी विश्वसनीय जांच एजेंसी का गठन हो उसके द्वारा जांच कराई जाए क्योंकि अब ऐसा प्रतीत होने लगा है कि इस खेल में सत्ता पक्ष के नेता व उच्चाधिकारी भी शामिल हैं उनके खिलाप भी मुकदमे दर्ज हों उसके बाद जांच एजेंसी को जांच सौपी जाए ।
 जिस ई कचरे को लेकर हमने प्रदूषण के खिलाप अपनी आवाज बुलंद की है वह 100 -200 किलो या 100- 200 कुंतल नही बल्कि कई हजार टन कचरा है जिसको परिषद के अधिकारियों ने मंडोला विहार योजना व आवास विकास परिषद की लोनी रोड योजना में डलवाया है आगे भी कचरा डलने की जगह बनती रहे इसके उद्देश्य से कचरे को आग के हवाले कराकर राख में तब्दील कराया गया जिससे वातावरण में जहरीला धुंआ घोलकर घातक वायु प्रदूषण किया गया है । नेताओ के दबाव में रसूखदार दोषी अधिकारियों को जांच का हवाला देकर मुकदमे से बरी किया गया तो किसान सत्याग्रह आंदोलन के मंडोला समेत 6 गांव के सत्यग्रही किसान लोनी तहसील के सभी गांव ,गली ,मोहल्लों में घर घर जाकर, प्रदूषण के खिलाप जारी मुहिम के लिए समर्थन जुटाकर, आगामी ठोस रणनीति बनाकर ,आंदोलन के क्रम को आगे बढ़ाएंगे।
  आग यदि इन भृष्ट नेताओ व भृष्ट अधिकारियों ने चन्द पैसो के लालच में हमारे घर मे कूड़ा डालकर लगाई है तो उसके जहरीले धुंए से आप भी नही बचेंगे यही संदेश लेकर हम घर घर जाकर लोगो को जागरूक करेंगे और प्रदूषण के खिलाप मुहिम के लिए समर्थन जुटाएंगे। जिन अधिकारियों के खिलाप मुकदमे दर्ज हुए हैं उनकी गिरफ्तारी भी जल्द सुनिश्चित की जाए । आज किसानों के धरने पर मुख्य रूप से बॉबी त्यागी,अमित त्यागी राकेश त्यागी,राजाराम ,मोनू त्यागी, मनोज बजरंगी,गंगाशरण भारद्वाज,कृष्ण कुमार ,संतोष मुखियंन,सर्मिष्ठा त्यागी,जग्सना त्यागी, रामवती आदि सैकड़ो महिला व पुरुष उपस्थित रहे ।
 


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