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मोदी सरकार का बड़ा ऐलान 10 पब्लिक सेक्टर बैंक का विलय कर 4 बैंक बनाये जायेगें

दिल्ली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 30 अगस्त 2019 को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने इस प्रेस कांफ्रेंस में बताया है कि देश की अर्थव्यवस्था को तेज गति देने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है. वित्त मंत्री के अनुसार, सरकारी बैंकों में बड़े सुधार की जरुरत है. अब बैंकों ने कदम उठाने शुरू कर दिए है.


वित्त मंत्री ने कहा की सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदमों का असर है कि बैंक एनपीए में कमी आई है. यह घटकर 7.90 लाख करोड़ रुपए ही बचा है. 18 पब्लिक सेक्टर बैंकों में से 14 प्रॉफिट में हैं.


*किस बैंक का विलय किस बैंक में हुआ: देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक*


☞ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है कि बैंकिंग सिस्टम में सुधार हो रहा है. वित्त मंत्री ने 30 अगस्त 2019 को 10 सरकारी बैंकों का विलय कर 4 बड़े बैंक बनाने की घोषणा की.


☞ पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) और युनाइटेड बैंक ऑफ कॉमर्स का विलय होगा. विलय के बाद बनने वाला बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा. अब इसका कुल कारोबार 18 लाख करोड़ रुपए का होगा.


☞ केनरा बैंक का विलय सिंडीकेट बैंक साथ होगा. केनरा बैंक के साथ सिंडिकेट बैंक का विलय होने के बाद यह देश का चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा. अब इस बैंक का कुल कारोबार 15.2 लाख करोड़ रुपए का होगा.


☞ यूनियन बैंक के साथ आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का विलय होगा. इस विलय के बाद यह देश का पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा. अब इन बैंको का कुल कारोबार 14.6 लाख करोड़ रुपए का होगा.


☞ इसके अतिरिक्त इंडियन बैंक का विलय इलाहाबाद बैंक के साथ होगा. इस विलय के बाद यह देश का सातवां सबसे बड़ा बैंक होगा. अब इसका कुल कारोबार 8.08 लाख करोड़ रुपए का होगा.


☞ केंद्र सरकार के इस बड़े घोषणा के साथ ही अब देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी.


आपको बता दें कि पहले स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर ऐंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और दो नॉन-लिस्टेड बैंक स्टेट बैंक ऑफ पटियाला,  स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद के साथ-साथ भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) का भारतीय स्टेट बैंक में विलय कर दिया गया था.


वित्त मंत्री ने बताया कि बैंकों ने चार बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFCs ) की मदद की है. उन्हें गारंटी प्लान के अंतर्गत 3300 करोड़ रुपये मिले है. सरकार देश की अर्थव्यवस्था को तेज गति देने के लिए लगातार कदम उठा रही है.


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