साहिबाबाद। श्याम पार्क मेन कॉलोनी में स्थित आर्यन एकेडेमी जूनियर हाई स्कूल में 93 वां शहीद दिवस पूरे श्रद्धा भाव से मनाया गया। स्कूल में कक्षा 8 की छात्राओं ने देश की आजादी के लिए हँसते-हँसते फांसी का फंदा चूमकर देश पर नौछावर हो जाने वाले क्रांतिकारी वीर शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव की शहादत को पूरी श्रद्धा से याद किया और उनसे जुड़े संस्मरण सुनाए। आन्या, परी, खुशी ने उक्त तीनों क्रांतिकारी से जुड़े उनकी देशभक्ति से भरे जज्बे की अपने भाषणों में चर्चा की तो कुमकुम ने शहीद भगतसिंह द्वार अंग्रेजों को ललकारते हुए जो कुछ खास शेर या पंक्तियाँ बोली थीं; उनको पढ़कर सुनाया। उपस्थित सदन तीनों शहीद क्रांतिकारी की याद में देशभक्ति की भावना से भाव विभोर हो गया।जनपद गाजियाबाद के प्रसिद्ध वयोवृद्ध लेखक और विद्वान पूर्व प्राचार्य डॉ. विशनलाल गौड़ ने विश्व प्रसिद्ध पंक्तियाँ ‘ सरफ़रोसी की तमन्ना अब हमारे दिल में है; देखना है कि जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है ‘ अपनी आवाज में रिकार्ड करके कार्यक्रम में पेश कीं। इस मौके पर सरदार जगतार सिंह भट्टी ने डॉ. गौड़ को गेरुआ पटका और सरोपा भेंट किया।
शहीद दिवस के दिन आर्यन एकेडेमी स्कूल में रामकली-प्यारेलाल जनसेवा पीठ सामाजिक संस्था के संयोजक संजीव गौड़ व ईशान गौड़ ने क्षेत्र के सक्रिय प्रबुद्ध नागरिकों के साथ शिक्षा और खेलकूद में उपलब्धियां हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र तथा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले नागरिकों में सर्वश्री स. जगतार सिंह भट्टी, स. निर्मल सिंह निक्कू, सुरेन्द्र बुंदेला, अभय राय, बृजेश कुमार जादौन तथा दूसरी ओर खेलकूद में जिलास्तर पर उल्लेखनीय प्रतिभा के लिए तैराकी में हर्ष स्वामी, बेडमिंटन में वैष्णवी सिंह, क्रिकेट में ऋतिक गौतम को तथा विज्ञान प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए निलेश व मंजरी मिश्र को सम्मान-पत्र दिए गए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्याम पार्क मेन कॉलोनी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सत्यपाल सिंह चौहान ने की। शहीद दिवस के अवसर पर श्याम पार्क मेन व्यापार मण्डल के अध्यक्ष महिपाल सिंह, भाजपा के मण्डल उपाध्यक्ष राजेश सिंह, राजीव दत्ता, चिराग चोपड़ा, अमित साहनी, मुकुल गौतम, मुकेश जैन, मिथिलेश त्रिवेदी, मीनाक्षी, स्नेहा, ममता त्यागी, रूबी शर्मा इत्यादि के साथ स्कूल प्रिंसिपल सिमरन तथा कार्यक्रम की संयोजिका खुशबू शर्मा उपस्थित रहीं।
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