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देश के निवासियों को सुभाष चंद बोस के जन्म दिन पर ही नहीं बल्कि प्रतिदिन स्मरण करना चाहिए: रामदुलार यादव

Ghaziabad : लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा नेता जी सुभाष चंद बोस नि: शुल्क पुस्तकालय, वाचनालय राम नगर वृन्दावन गार्डेन ज्ञानी बार्डर साहिबाबाद के प्रांगण में कुशल प्रशासक, प्रखर राजनीतिज्ञ, विलक्षण प्रतिभावन, कूटनीतिज्ञ, दार्शनिक, सेना नायक, बेजोड़ वक्ता, भविष्य दृष्टा नेता जी सुभाष चंद बोस की जयंती का आयोजन किया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता बब्बन सिंह समाज सेवी, मुख्य वक्ता शिक्षाविद राम दुलार यादव संस्थापक/अध्यक्ष लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट रहे| मुख्य अतिथि कैलाश चंद्र, आयोजन लक्ष्मी नारायण सहगल ने किया, कार्यक्रम में शामिल छात्र-छात्राओं तथा नेता जी के प्रशंसकों ने चित्र पर पुष्प माला पहना कर उन्हे स्मरण करते हुए उनके विचार, व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला, तथा चलने का संकल्प लिया, मुख्य अतिथि ने नेता जी सुभाष चंद के बारे में लोगों से विस्तार से चर्चा की| 
        कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि नेता जी सुभाष चंद बोस को उनके जन्म दिन पर ही नहीं प्रतिदिन स्मरण करना चाहिए, जिन्होने अपनी प्रतिभा और कुशल नेतृत्व से ब्रिटिश शासन की चूलें हिला दी, जब वह आई0सी0एस0 बन भारत लौटे तो अंग्रेजों की नौकरी करने से इसलिए इंकार कर दिया, कि हमारे देश के लोगों पर जुल्म करने वाले अंग्रेजों की मै सेवा करूँ, उनका आदेश मान अपनों पर अत्याचार करूँ, यह संभव नहीं, उनके राजनीतिक गुरु चितरंजन दास जी जब कलकत्ता के मेयर चुने गए, और नेता जी उनके कार्याधिकारी तो उन्हे जो वेतन मिलता था वह सारा रुपया आर्थिक दृष्टि से कमजोर छात्रों और मित्रों में बाँट देते थे, जिससे वह शिक्षा ग्रहण कर मुख्य धारा में आ सकें, महिलाओं और बच्चों को भी हर क्षेत्र में सम्मान दिलाया, रानी झाँसी रेजीमेंट, बाल सेना का निर्माण किया, उनकी इसी प्रतिभा से प्र`भावित हो एक लेखक ने लिखा कि “एक भी राजनीतिज्ञ उनकी ऊंचाइयों और वैयक्तिक शक्ति की बराबरी नहीं कर सकता| 
        आज देश आजाद है, लेकिन अफसोस कि, नेताजी जैसी सोच 75 साल बाद भी नहीं ब`न पायी, सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, आध्यात्मिक हर क्षेत्र में हम असमानता के शिकार है, देश की आधी से अधिक आबादी संसाधनों का 3% पर गुजर-बशर कर रही है, कुछ धन्ना सेठों के पास 50% से अधिक संसाधनों पर कब्जा हो गया है, 82 करोड़ लोग 5 किलो अनाज की लाइन में लगे है, जबकि वह 64% जी0एस0टी0 दे रहे है, अप्रत्यक्ष कर का बोझ आम-जन की कमर तोड़ दिया है, मंहगाई, बेकारी, बेरोजगारी की स्थिति भयावह है, भारत में सबसे अधिक 5 साल के बच्चे कुपोषण के शिकार है, विश्व में सबसे अधिक लोग गरीबी की रेखा से नीचे आधा पेट भोजन पर जिंदा है, यहाँ धार्मिक पाखंड, नफरत, झूठ का मायाजाल फैलाया जा रहा है, बेवजह के मुद्दों में जनता को भरमाया जा रहा है, क्या नेताजी ने कभी सोचा होगा कि हम जो कुर्बानी दे रहे आजादी के लिए उसका उपभोग भारत कि गरीब जनता नहीं कुछ चंद लोगों के उत्थान का काम करेगी, हमे लोकतन्त्र और संविधान की रक्षा के लिए नेता जी के साहस पूर्ण कार्यों को यादकर उनका अनुशरण करना चाहिए, तभी किसान, मजदूर, वंचित, शोषित, पीड़ित, आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग का भला होगा| आज भारत की जनता जाति-धर्म में अपने असली उद्देश्य से भटक रही है, उसे देश में सद्भाव, भाईचारा, प्रेम और सहयोग की भावना से कार्य करना चाहिए, तभी व्यक्ति, समाज और देश को प्रगति के पथपर ले जा सकते है, कार्यक्रम का समापन बब्बन सिंह ने आये हुए साथियों का धन्यवाद करते हुए किया| 
        कार्यक्रम में प्रमुख लोगों ने भाग लिया, राम दुलार यादव, सी0पी0 सिंह, बब्बन सिंह, कैलाश चंद्र, कवरजीत सिंह यादव, पवित्र सिंह, मुनीव राम, मीना ठाकुर, बिन्दु राय, मन मोहन सिंह, विशाल पाण्डेय, लक्की, लक्ष्मी नारायण, अखिलेश शुक्ला, अमर बहादुर आदि|

                                                                                                                                              

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