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सन्त निरंकारी मिशन द्वारा बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की स्मृति में वृक्षारोपण एवं संरक्षण अभियान

'वृक्ष लगाए हर परिवार प्रकृति को दे उपहार'* देशभर की 3000 शाखाओं ने लगभग 2 लाख पौधे लगाए*

गाजियाबाद : सन्त निरंकारी मिशन द्वारा 21 से 23 फरवरी तक देशभर में वृक्षारोपण एवं वृक्ष संरक्षण अभियान का आयोजन किया गया। जिसमें देशभर की 3000 शाखाओं ने लगभग 2 लाख पौधे लगाये और साथ ही उन पौधों को कम से कम 3 वर्ष के लिए संरक्षित करने का प्रण भी लिया। यह अभियान देश के अतिरिक्त दूर-देशों में भी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की स्मृति में आयोजित किया गया, जिन्होंने 36 वर्षों तक इस मिशन की बागडोर संभाली और सम्पूर्ण मानवता को कृतज्ञ किया।

 यह जानकारी श्रीमति परीमल जी कौडिनेटर प्रैस एण्ड पब्लिसिटी ने दी।



 इसी लडी में इस वर्ष लॉकडाऊन की स्थिति को ध्यान में रखते हुए गाजियाबाद में रहने वाले सन्त निरंकारी मिशन के सभी निरंकारी श्रृद्धालुओं ने अपने-अपने घरों के नजदीक के पार्को में और घरो के गमलो में व निरंकारी भवनों में पौधे लगाए और उनको गोद भी लिया ताकि आने वाले वर्षों में यह सभी गोद लिए वृक्ष जीवित रहें और प्रकृति को एक सुदंर उपहार दे सकें।

यह अभियान सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वाधान् में आयोजित किया गया। पिछले वर्ष इसी दिन 1320 सरकारी अस्पतालों की सफाई की गई थी। सन् 2003 से बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के जन्मदिवस पर ही स्वच्छता एवं वृक्षारोपण अभियान की शुरूआत हुई। जिसका आरंभ स्वयं बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने अपने कर कमलों द्वारा किया और यह संदेश दिया कि *प्रदूषण अंदर हो या बाहर, दोनों हानिकारक है।* यह देशव्यापी स्वच्छता एवं वृक्षारोपण अभियान तब से निरंतर आयोजित किया जा रहा है। समय-समय पर अन्य सार्वजनिक स्थानों की सफाई के अतिरिक्त अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों, पुरातन स्मारकों, समुद्र तथा नदियों के तटों इत्यादि पर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है। बाबा जी का यही संदेश था कि आने वाले वर्षों में भी ऐसी सेवाएं रूकनी नहीं चाहिए।

आज वर्तमान में सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज, बाबा हरदेव सिंह जी के संदेश को आगे बढ़ाते हुए यही प्रेरणा दे रही हैं कि *‘जीवन तभी सार्थक है, जब वह दूसरोें के काम आए।’* सन्त निरंकारी मिशन अनेक वर्षों से समाज कल्याण के कार्यों में कार्यरत हैं। वर्तमान में मिशन अपनी सामाज कल्याण की शाखा, सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाऊण्डेशन द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सशक्तिकरण के अनेक कार्य कर रहा है। समाज कल्याण की इन सेवाओं का आधार सदा से ही सत्गुरू की आपार कृपा और मागदर्शन रहा है।

सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाऊण्डेशन की नींव सत्गुरू बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने वर्ष 2010 में रखी थी तथा इससे पहले भी 23 फरवरी को बाबा जी के जन्म दिवस के सुअवसर पर अनेक क्षेत्रों में सामाजिक कार्य होते रहे हैं।

इस वर्ष लॉकडाऊन की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सन्त निरंकारी मिशन के प्रत्येक जोन, ब्रांच, गाँव एवं कस्बे में रहने वाले सभी सेवादार, परिवार द्वारा अपने-अपने नजदीक के चिन्हित स्थान पर पौधे लगाए गए तथा उनको गोद भी लिया गया ताकि आने वाले वर्षों में यह सभी गोद लिए वृक्ष जीवित रहें और प्रकृति को एक सुदंर उपहार दे सकें। इस अभियान में सन्त निरंकारी मिशन द्वारा संचालित विद्यालय (Sant Nirankari Public Schools), कॉलेज (NBGSM College), vocational centers एवं डिस्पेन्सरी भी इस अभियान में सम्मिलित रहे।


युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की स्मृति में *मेरे हरदेव* एक किताब जो बाबा जी के जीवन की सुंदरता और गहराई को शामिल करती है, 2019 में मानवता के लिए समर्पित की गई थी। सन्त निरंकारी मिशन 23 फरवरी 2021 को मेरे हरदेव पुस्तक का ऑडियो रूप में प्रमोचन कर रहा है। इसका YouTube लिंक उसी दिन साझा किया जाएगा।

इसी उपलक्ष्य में दिनांक 21 फरवरी, 2021 को सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वाद से महाराष्ट्र के सायवन इलाके में सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाऊण्डेशन द्वारा चलाये जा रहे जल संरक्षण परियोजना के अतंर्गत दूसरे सीमेंट नाला बांध का निर्माण कर उसका उद्घाटन किया गया। बाबा हरदेव सिंह जी महाराज द्वारा इस अति पिछड़ें इलाके में वर्ष 1998 से यहाँ की जनजाति के लिए अनेक कार्य शुरू किये गए। वर्ष 2017 में माता सविंदर हरदेव जी महाराज द्वारा इन कार्यों को आगे बढाते हुए यह जल संरक्षण परियोजना को स्वीकृति दी गई और इसके पहले चरण को सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के कर कमलों द्वारा स्थानीय निवासीयों के लाभ के लिए फरवरी, 2020 में समर्पित किया गया। माता सुदीक्षा जी की कृपा से अब इन कार्यों को एक नई ऊर्जा और तन्मयता से आगे बढ़ाया जा रहा हैं।

सन्त निरंकारी मिशन के द्वारा मानवता की भलाई के लिए यह कार्य निरंतर सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाऊण्डेशन के तत्वाधान में जारी हैं और सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के आर्शीवाद से आगे भी जारी रहेंगे।



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