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इन ‘गोदी’ एंकरों का कोर्ट ने किया मुंह काला!

दिल्ली : जब ये सब मिल कर टीवी 24×7 जमाती जमाती कर रहे थे और इनके इंफ्लुएंस में आकर अच्छा भला आदमी भी जमातियों को कोरोना फैलाने का ज़िम्मेदार बता रहा था तब भी मैं घर से लेकर कचहरी और चौराहे से लेकर चाय की दुकान पर इनका पक्ष रख रहा था, धारा के साथ बहना बहुत आसान है धारा विपरीत बह कर देखिए?


हिटलर के ज़माने में भी अधिकांश लोग उसी को सच समझते थे जो हिटलर और उसका तंत्र बताते थे लाकिन वहाँ भी दो चार ही सही सच बोलने वाले मौजूद थे, परिस्थिति कितनी भी विकट क्यों न हो सच तो हमेशा सच रहेगा देर सबेर सामने आ जाएगा। आसमान पर थूका खुद मुंह पर ही गिरता है। आज मेरी लिस्ट के ही कितने लोग मुंह मे कालिख पोत कर पोस्ट देख कर निकल लेंगे लाकिन उनके लिए सोचने का मकाम है।


ये जो 135 करोड़ 135 करोड़ बोलते हैं न? अगर पूरे 135 करोड़ भी गलत बात की ताईद करने भी लगे तो मैं न तो झुकना पसंद करूंगा न झूठ का साथ दूंगा और डरूंगा तो कतई नहीं। पाला खींच कर अकेला खड़ा रहूंगा और एहतेजाज करूंगा


क्यों रे अंजना,आर्णव, रजत,सुधीर, सरदाना, दीपक ,देवगन.. तुम सब शादीशुदा होगे.. औलादे भी होंगी.. कुछ बड़ी और समझदार भी होंगी.. तुम सब ने दिन रात कोरोना और तबलीगी जमात को लेकर, नफरत का जहर फैलाया..अब बांबे हाईकोर्ट के फैसले के बाद उनको मुंह कैसे दिखाओगे.. तुममे से किसी का जमीर वाला पति पत्नी या औलाद हुई तो उनके सवालों पर क्या जवाब दोगे.. खैर बेशर्मों का क्या ईमान.. क्या जमीर..तुमको तो पता भी नहीं होगा कि हाईकोर्ट ने तबलीगी जमात के विदेशियों पर एफआइआर रद्द करते हुए साफ-साफ कहा है कि मीडिया ने प्रोपेगेंडा के लिए तबलीगी जमात के लोगों को बेवजह बलि का बकरा बनाया…


आपदा में अवसर की तरह था मीडिया के लिए.. कोरोना के दौरान तब्लीगी जमात का मुद्दा! बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद की पीठ ने #बलिकाबकरा शब्द इस्तेमाल किया! नफ़रत के इन सौदागरों से होशियार रहने की जरूरत है! साभार l


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