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ब्राह्मण और सिद्ध पुरुष का अपमान सनातन का अपमान माना जाएगा, सनातन संस्कृति में ब्राह्मण पूजनीय है? बीके शर्मा हनुमान जी

 गाजियाबाद विश्व ब्रह्मर्षि ब्राह्मण महासभा के संस्थापक/राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्मर्षि विभूति बीके शर्मा हनुमान ने बताया कि बागेश्वर धाम को लेकर आज जो कौतूहल मचा हुआ है उसकी वजह सिर्फ इतनी सी है कि कुछ लोग मिलकर अंधविश्वास से पर्दा हटाना चाह रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि झूठ की उम्र अधिक लंबी नहीं होती। फिर चाहे वह कितना ही बड़ा बाबा अथवा संत क्यों न हो। हर बाबा ढोंगी ही हो, यह सोचकर उस पर लांछन लगाना भी उचित नहीं है। सनातन संस्कृति में ब्राह्मण को पूज्यनीय बताया गया है। ओशो ने भी यही कहा है कि जो ब्रह्म को जान लेता है वही ब्राह्मण होता है। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है। कि किसी भी ब्राह्मण और सिद्ध पुरुष का अपमान सनातन का अपमान माना जाएगा। यह रीति ही समाज की ऐसी है कि लोगों को परीक्षा देनी ही पड़ती है। यदि गलती से एक में भी असफल हो जाए तो यही समाज अंगुली उठाने में भी परहेज नहीं करता । बागेश्वर धाम के मुख्य कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं हो सका है, किंतु इतना अवश्य स्पष्ट है कि जो भी होगा समाज एवं श्रद्धालुओं के लिए हितकर ही होगा। ब्रह्मर्षि विभूति बीके शर्मा हनुमान ने भी इस विवाद को लेकर अपना बयान साझा किया जो कई लोगों के लिए सुखदाई है। हर प्रकार के परीक्षण के हो जाने के बाद यही आशा रहेगी कि पुनः किसी श्रद्धालु का विश्वास नहीं टूटे। जिसकी जो आस्था बनी है वह कायम रहे और जिससे बार बार धर्म का मजाक बनना बंद हो सके।

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