उत्तर प्रदेश :विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि बिजली कर्मचारियों के प्राविडेन्ट फण्ड के भुगतान की जिम्मेदारी लेकर
उप्र सरकार तत्काल गजट नोटिफिकेशन जारी करे जिससे तनावमुक्त होकर बिजली कर्मचारी बिजली आपूर्ति के कार्य में पूर्ण निष्ठा से जुटे रह सकें। संघर्ष समिति ने सरकार के ध्यानाकर्षण हेतु 14 नवम्बर को लखनऊ में विशाल रैली निकालने का ऐलान किया है। संघर्ष समिति ने पुनः मांग की है कि प्राविडेन्ट फण्ड घोटाले के मुख्य आरोपी पावर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैन को सेवा से बर्खास्त कर तत्काल गिरफ्तार किया जाये जिससे घोटाले के पूरे राज खुल सके। संघर्ष समिति ने दागी कम्पनी डीएचएफएल के विरूद्ध अबतक कोई एफआईआर न किये जाने पर भी हैरानी जतायी है और सवाल किया है कि दागी कम्पनी से प्रशासन की क्या सहानुभूति है।
संघर्ष समिति के आह्वान पर आज सातवें दिन भी बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं ने राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश भर में समस्त परियोजनाओं व जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया। संघर्ष समिति ने कहा है कि प्राविडेन्ट फण्ड घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश हो रही है। पहले ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्राविडेन्ट फण्ड भुगतान की जिम्मेदारी यूपीपीसीएल ले लेगा और अब दागी कम्पनी डीएचएफएल बयान दे रही है कि वह भुगतान की जिम्मेदारी लेती है। संघर्ष समिति ने सवाल किया कि 84 हजार करोड़ रूप से अधिक के कर्ज में डूबी दागी कम्पनी डीएचएफएल किस बूते बिजली कर्मचारियों के भुगतान की गारण्टी ले रही है। उल्लेखनीय है कि डीएचएफएल से भुगतान पर बाम्बे हाईकोर्ट ने पहले ही रोक लगा रखी है। इसके अतिरिक्त पावर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैन ने डीएचएफएल से भुगतान कराने हेतु तीन दिन पूर्व रिजर्व बैंक आफ इंडिया को पत्र लिखा है जिससे स्पष्ट है कि पावर कारपोरेशन को खुद भरोसा नहीं है कि डीएचएफएल से पैसा वापस लिया जा सकता है। संघर्ष समिति ने कहा कि एकमात्र रास्ता यही है कि उत्तर प्रदेश सरकार जिम्मेदारी लेते हुए गजट नोटिफिकेशन जारी कर, प्राविडेन्ट फण्ड का भुगतान सुनिश्चित करे।
संघर्ष समिति ने पूर्व चेयरमैन के कार्यकाल में ढाई साल तक ट्रस्ट की कोई मीटिंग न होने के बावजूद दागी कम्पनी को 4122 करोड़ रूपये के भुगतान पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस अवैध लेन-देन की सारी जिम्मेदारी पूर्व चेयरमैन की है। उन्होंने यह भी कहा कि पता चला है कि ईपीएफओ ने पूर्व चेयरमैन को ट्रस्ट के घोटाले के बावत नोटिस पर नोटिस दी किन्तु उन्होंने इसका कोई जवाब देना तो दूर रहा वे दागी कम्पनी को भुगतान करते रहे। ऐसे में सारे घोटाले का सच जानने हेतु घोटाले के सबसे अधिक जिम्मेदार, पूर्व चेयरमैन को सेवा से बर्खास्त कर तत्काल गिरफ्तार किया जाये।
राजधनी लखनऊ में हुई सभा को संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों प्रभात सिंह,हिर्देश गोस्वामी,धीरज सिंह,पंकज भारद्वाज,आर के राणा,सुनील कपूर,सिद्धार्थ मिश्र,रामनारायण ,रामयश यादव, दीपक गुप्ता,उमाकांत,रजनीश,मन्नू सिंह, मुख्यतः उपस्थित रहे।
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