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पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) 28 अगस्त, 2020 को स्वर्ण जयंती समारोह मनाएगा

दिल्ली : पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो कल अर्थात् 28 अगस्त, 2020 को स्वर्ण जयंती का समारोह मनाएगा। गृह राज्य मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने मुख्य अतिथि बनने की सहमति दे दी है तथा गृह सचिव श्री अजय कुमार भल्ला विशिष्ट अतिथि होंगे। कोरोना महामारी के कारण इस समारोह का आयोजन वर्चुअल तरीके से किया जाएगा। इस समारोह को इस उद्देश्य के लिए उपलब्ध कराये गए वीडियो लिंक के जरिये बीपीआरएंडडी मुख्यालय, इसकी दूरस्थ इकाइयों, राज्य पुलिस एवं सीएपीएफ द्वारा देखा जा सकेगा।


पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की संस्थापना भारत सरकार के गृह मंत्रालय के एक प्रस्ताव के जरिये 28 अगस्त, 1970 को नीति निर्माण करने, पुलिस समस्याओं के त्वरित एवं प्रणालीगत अध्ययन को बढ़ावा देने, पुलिस द्वारा पद्धति एवं तकनीकों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग करने के अधिदेश के साथ की गई थी। आरंभ में ब्यूरो दो प्रभागों अर्थात अनुसंधान, प्रकाशन एवं सांख्यिकी प्रभाग तथा विकास प्रभाग के साथ आरंभ किया गया था। 1973 में, पुलिस प्रशिक्षण पर गोर समिति की अनुशंसाओं पर प्रशिक्षण प्रभाग जोड़ा गया। 1995 में, बंदी एवं बंदी सुधारों के मुद्दों का अध्ययन करने के लिए सुधारक प्रभाग जोड़ा गया। 2008 में, राष्ट्रीय पुलिस मिशन जोड़ा गया तथा विकास प्रभाग का पुनर्गठन आधुनिकीकरण प्रभाग के रूप में किया गया।


पिछले कुछ वर्षों में, बीपीआरएंडडी कई प्रकार की जिम्मेवारियों को जोड़े जाने के जरिये वर्तमान भूमिका में रूपांतरित हो गया है। अब भोपाल में केंद्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, जिसका विशिष्टीकरण पुलिस एवं सुधार संबंधी प्रशासन के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में किया गया है, की एक नई इकाई की संस्थापना के साथ, बीपीआरएंडडी की छह दूरस्थ इकाइयां हो गई हैं।


भारतीय पुलिस में बीपीआरएंडडी के योगदान का वर्णन केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने इसके 49वें संस्थापना दिवस पर, ब्यूरो के इसके अस्तित्व के 50वें वर्ष में प्रवेश करने के अवसर पर बड़ी सटीकता से किया है:


‘‘बीपीआरएंडडी के बगैर अच्छी पुलिसिंग की कल्पना नहीं हो सकती’’


पिछले पांच दशकों के दौरान, बीपीआरएंडडी की यात्रा उल्लेखनीय रही है क्योंकि इसने भारतीय पुलिस को आकार देने में एक अहम भूमिका निभाई है। इसने अपने प्रशिक्षण अंतःक्षेपों तथा क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के जरिये, अनुसंधान एवं राष्ट्रीय मिशन परियोजनाओं के माध्यम से, पुलिस बलों को नवीनतम बदलाव एवं चुनौतियों के साथ गति बनाये रखने के लिए विभिन्न आधुनिकीकरण पहलों के जरिये पुलिस बलों को तैयार किया है। पिछले पांच वर्षों के दौरान, बीपीआरएंडडी ने पुलिस अधिकारियों के क्षमता निर्माण पर फोकस किया है और लगभग 55,000 अधिकारियों तथा लोगों को प्रशिक्षित किया है।


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