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अन्नपूर्णा स्वरूपा अर्धांगिनी रीता शर्मा के साथ 35 वर्षों की अविरल धारा

Ghaziabad : मेरे आत्मीय , प्रेमी भगवद्भक्त, मित्र, वाँधवों, मुझे यह कहते हुए अपार हर्ष गौरव, व आनन्द, की अनुभूति हो रही है कि आप सभी के साथ समाज सेवा की विभिन्न संस्थाओं में विभिन्न पदों पर रहकर समाज सेवा , राष्ट्र सेवा, जैसे महान कार्य करते हुए अर्धांगिनी रीता शर्मा के साथ प्यार, मोहब्बत के सुर्ख रंगों के हसीन पंखो को लगाकर हमारा यह रिश्ता 35 वर्ष की अविरल धारा कैसे पूर्ण हुए , यह पता ही न चला इस सफलता के पीछे अर्धांगिनी रीता शर्मा का विशेष योगदान रहा जीवन में शादी एक ऐसा रिश्ता होता है जो दो आत्माओं को आपस में जोड़ता है साथ ही भारतीय संस्कृति में तो इस रिश्ते को सात जन्मों का रिश्ता माना है व्यक्ति के जीवन में शादी की सालगिरह सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक होता है समर्पण त्याग प्रतिबद्धता और बिना किसी शिकायत और उम्मीद के जिस तरह से तुमने हर कदम पर मेरा साया बनकर मेरा साथ निभाया उसके बदले में मेरे पास बोलने के लिए कुछ भी नहीं है कुटुंब कबीले ने आप का संघर्ष देखा है वही आपके संघर्ष की कीमत जानते हैं मेरे लिए आप किस्मत वाली है यह आप सभी के प्यार , सद्भाव , सुन्दर - सुन्दर विचार , स्वभाव , स्नेह पूर्ण व्यवहार के कारण ही सम्भव हो सका है । मैं इस वैवाहिक वर्ष गाँठ के पावन अवसर पर किन शब्दों में आप सभी स्नेहीजनों का अभिनंदन , वन्दन करूँ , मुझे शब्दकोष में शब्द ही नज़र नहीं आते , फिर भी हृदय से अभिनंदन करते हुए यही कामना करता हूँ कि आप सभी के स्नेहमय , गरिमामय , गौरवमय आशीर्वाद की छत्र-छाया में हमारा आगे आने वाले जीवन का हर क्षण , हर दिवस , हर वर्ष और सम्पूर्ण जीवन भी आलोक , प्रकाश , मर्यादा व नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण रहे आज इस अविरल धारा के फल स्वरूप साक्षी मेरे जेष्ठ सुपुत्र हिमांशु शर्मा- बबीता शर्मा, अनुज सुपुत्र षजन शर्मा -स्वाति शर्मा, सुपौत्र वियान, अयान, एवं कोशिश कुटुंब कबीला।। 
                

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